मधेपुरा: जिले के सिंहेश्वर थाना क्षेत्र से करीब 4 किलोमीटर कटैया गांव में दबंगों के द्वारा हसैरी के साथ जबरन काटा गया गेहूं का फसल, प्रार्थी के द्वारा प्रशासन से गुहार लगाने के बाद भी कटती रही फसल नहीं हुई कोई कार्रवाई। बताते चलें कि प्रथम पक्षकार प्रार्थी रामचंद्र यादव के द्वारा द्वितीय पाक्षकारों विश्वनाथ यादव व अशोक यादव समेत और प्रशासनों आरोप लगाते हुए कहा कि अंचलाधिकारी व थाना से लेकर अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, एसपी, डीएम मधेपुरा व डीआईजी सहरसा को पत्राचार के माध्यम से और फसल लूटपाट घटना के समय मोबाइल फोन के माध्यम से सभी छोटे-बड़े पदाधिकारियों को 11:00 बजे दिन से लेकर करीब शाम के 4:00 बजे तक गुहार लगाया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं किया गया, आश्वासन और संवेदना के अलावे धैर्य रखने को कहा गया। वहीं प्रथम पक्षकार रामचंद्र यादव एवं अन्य के द्वारा यह भी आरोप लगाया गया कि हम लोगों के द्वारा अक्टूबर व नवंबर 2020 के समय में ही गेहूं बोने के के बाद से ही उन दबंगों ने हम लोगों को परेशान करना शुरू किया था और अंचलाधिकारी व प्रशासन से गुहार लगाए थे तो उन लोगों ने कहा सक्षम न्यायालय का मामला है हमलोग इसमें कुछ नहीं कर सकते हैं जब तक सक्षम न्यायालय से कोई आदेश नहीं आ जाता है तब तक शासन प्रशासन की कोई कार्यवाही नहीं होगी।
उसके बाद हम लोगों ने सक्षम न्यायालय में जाकर केस दायर 144 और 107 किया। सक्षम न्यायालय के आदेशानुसार जो कि सक्षम न्यायालय के द्वारा नोटिस निर्गत किए गए अंचलाधिकारी व सिंघेश्वर थाना के पदाधिकारियों के द्वारा अनुशंसा कर दोनों पक्षों को नोटिस देकर सूचित किया गया जिसका पत्रांक संख्या 202/2021 है,
उसी दरमियान सिंघेश्वर प्रखंड के अंचलाधिकारी ने दल बल के साथ विवादित जमीन का नापी कराते हुए विवादित जमीन को अलग कर बोल दिया गया कि यह जमीन जिसके दखल में है जिसका फसल लगाया हुआ है वह अपना फसल काट लेगा यह सक्षम न्यायालय का आदेश है और सक्षम न्यायालय के आदेशानुसार इस विवादित भूमि पर 144 और 107 किया गया है कि कोई इस पर विवाद ना करें क्योंकि पेपर सबूत साक्ष्य प्रस्तुत होने के उपरांत न्यायालय का आदेश दोनों पक्षोंकारों में से जिसको जजमेंट होगा वही पक्ष है जमीन को जोतकोर व उपजाऊ कर सकेगा। और विधि व्यवस्था 144 और 107 का किसी पक्षकारों के द्वारा उल्लंघन किया गया तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। लेकिन आज द्वितीय पक्षकार विश्वनाथ यादव, अशोक यादव व अन्य समेत हसैरियों के साथ सक्षम न्यायालय द्वारा लगाए गए प्रतिबंध 144 और 107 का गैर कानूनी रूप से फसल काटकर ले जाया गया उसी क्रम में छोटे से बड़े पदाधिकारी व प्रशासन से गुहार लगाने के बाद कोई कार्रवाई नहीं की गई। प्रथम पक्षकार रामचंद्र यादव के द्वारा आरोप लगाया गया कि द्वितीय पक्ष कार विश्वनाथ यादव हुआ अशोक यादव समेत अन्य सभी ने शासन प्रशासन को घूस रिश्वत देकर व मेल में लेकर मेरे फसल को लुटवाया है।
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