रिर्पोट.रमेश कुमार मिश्र...
तरबगंज गोण्डा।तरबगंज थानाक्षेत्र में दहेज उत्पीड़न का मामला सामने आया है जिसमे ससुराल वालो ने पीड़िता को दहेज के लिए घर से निकाल दिया है और पीड़िता का पति दूसरी औरत को लेकर फरार होगया है जिसकी शिकायत सम्पूर्ण समाधान दिवस में की है।वही एक बार फिर दरोगा की दबंगई सामने आई पीड़िता ने सनसनीखेज आरोप लगाते हुए बताया की मुकदमे में दरोगा जबरदस्ती सुलहनामा करवा लिए है और ऊपर से रूपये की माँग कर रहे थे।कहते है की बगैर पैसे के थाने में कुछ नही होता है।जबकि पीड़िता को ससुराल वालो ने घर से ये कहकर निकाल दिया की जावो अपने घर से एकलाख रूपये व चैन और मोटरसाइकिल लेकर आवो तब तुमको रखेगे।
ये है गोण्डा जिले का चर्चित थाना तरबगंज जहाँ बगैर रूपये के पुलिस तहरीर लेना भी मुनासिब नही समझती है, मुकदमे की बात ही दूर की है यहाँ पीड़ितों से मनमानी वसूली की जाती है और जिम्मेदार मौन रहते है।
बताते चले की तरबगंज थानाक्षेत्र के रेहरवा पूर्विहनपुरवा निवासी निर्मला चौहान ने सम्पूर्ण समाधान दिवस में की शिकायत में आरोप लगाया की हमारी शादी तीन वर्ष पूर्व हुई थी तभी से सास ससुर व पति दहेज में एक लाख रूपये आँगूठी व चैन की माँग कर रहे है कहते है की अगर हमारी माँग पूरी नही करोगी तो तुमको घर से निकाल देगे यही कहते हुए पति दूसरी औरत लेकर फरार हो गये व घर वाले सही पता नही बता रहे है।पीड़िता अपने मायके में रह रही है।तरबगंज थाने पर शिकायत की तो मुकदमा पंजीकृत किया गया जिसमे क्षेत्र के दरोगा ने पीड़िता को बुलाकर जबरदस्ती सुलहनामा लिखा लिया व मुकदमे की धमकी भी दी और पैसे की माँग की जिससे पीड़िता काफी परेशान है | पुलिस द्वारा उचित कार्यवाही ना करने से ससुरालियों के हौसले बुलन्द है। पीड़िता ने बताया की साहब हम क्या करे कहाँ जाय हमारी बात कही कोई सुनने को तैयार नही है।थाने पर मुकदमा लिखाया था लेकिन क्षेत्र के दरोगा उमेश सिंह बुलाकर जबरदस्ती सुलहनामा लगवा लिया और धमकी भी दी जबकि हमारे माता पिता काफी गरीब है जो ससुरालियों की माँग पूरी नही कर सकते व थाना भी ससुराल वालो से मिला हुआ है।जिससे हमारी जिन्दगी अधर में लटकी हुई है हम चाहते है की अगर नही ले जाना चाहते है तो लिखा पढ़ी करके मामला फायनल करले लेकिन थाने पर वो भी नही हो रहा है पैसे की माँग अलग से हो रही है।
क्या कहते है जिम्मेदार?
थानाध्यक्ष तरबगंज संतोष कुमार सरोज का गैर जिम्मेदाराना बयान अगर लड़का शादी कर चुका है तो लड़की भी शादी करले उसमे कुछ नही होगा। मुकदमा पंजीकृत है विवेचना चल रही है।सुलहनामा का कोई औचित्य नही है अगर विवेचक ने यैसा किया है तो उनसे पूछा जायेगा।
अब सवाल ये उठ रहा है कि जबतक तलाक/लिखापढ़ी नाहो तबतक शादी कैसे हो सकती है।अगर लड़के ने शादी कर लिया है तो उसके ऊपर कार्यवाही होनी चाहिए या लिखापढ़ी के जरीऐ मामले को समाप्त किया जाय यैसा नही की लड़का शादी कर चुका है तो लड़की भी शादी करले शादी में जो खर्चा हुआ वो कौन देगा।
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