प्राइवेट क्लीनिक, नर्सिंग होम, पैथालॉजी सभी को जानकारी देना अनिवार्य
पिछले माह में प्राइवेट चिकित्सकों को दिए गए 70 हजार रुपए प्रोत्साहन
आलोक कुमार बर्नवाल
सन्तकबीरनगर। क्षय रोग को जड़ से समाप्त करने की दिशा में चलाए जा रहे अभियान में प्राइवेट चिकित्सकों को भी जोड़ा गया है। क्षय रोगियों को जहां 500 रुपए हर माह पोषण भत्ते के रुप में मिलते हैं तो वहीं उनको चिन्हित करके विभाग में पंजीकृत कराने वाले चिकित्सकों को भी प्रोत्साहन भत्ता दिया जाता है। यह प्रोत्साहन प्रति रोगी 1000 रुपए होता है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एस डी ओझा ने बताया कि क्षय रोगियों के पोषण के लिए निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपए प्रतिमाह पोषण भत्ते के रुप में दिए जाते हैं। इसके अतिरिक्त क्षय रोगियों की पहचान करने तथा उनका इलाज करने वाले प्राइवेट चिकित्सकों को भी प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है। प्राइवेट चिकित्सक जब किसी क्षय रोगी को विभाग में पंजीकृत कराते हैं तो उनको 500 रुपए की राशि प्रदान की जाती है। इसके साथ ही जब उसका इलाज पूरा हो जाता है और मरीज की अन्तिम जांच हो जाती है तब चिकित्सक को 500 रुपए प्रोत्साहन के लिए दिए जाते हैं। जरुरत पड़ने पर मरीज को सरकारी दवा भी प्राइवेट चिकित्सक या मेडिकल स्टोर संचालकों के जरिए ही दिला दी जाती है। फरवरी माह में विभाग ने क्षय रोगियों को पंजीकृत करवाने वाले चिकित्सकों को 70,500 रुपए प्रोत्साहन राशि के रुप में दिया है। हमारा यह उद्देश्य है कि क्षय रोगी किसी भी दशा में दवा का सेवन न छोड़े।
क्षय रोगियों को कराते हैं पंजीकृत
क्षय उन्मूलन अभियान के जिला कार्यक्रम समन्वयक अमित आनन्द बताते हैं कि जनपद में 25 प्राइवेट चिकित्सक व जांच केन्द्र के लोग इस प्रकार के हैं जो क्षय रोगियों को पंजीकृत कराते हैं। क्षय रोगियों को विभाग में पंजीकृत कराकर निक्षय पोषण योजना का लाभ दिलाने वाले चिकित्सकों में प्रमुख रुप से डॉ अशरफ अली, डॉ रामनारायण चौधरी, डॉ राकेश कुमार चौधरी, डॉ कुमार सिद्धार्थ, डॉ विवेक खन्ना, डॉ शना फातिमा समेत अन्य चिकित्सक शामिल हैं। ये निरन्तर क्षय उन्मूलन अभियान में सहयोग करते हैं।
क्षय रोग को समाप्त करना बहुत ही आवश्यक – डॉ अशरफ अली
जीवन मेडिकल सेण्टर के चिकित्सक डॉ अशरफ अली बताते हैं कि क्षय रोग को जड़ से समाप्त करने के लिए जो अभियान चल रहा है उसमें सभी का सहयोग आवश्यक है। हमारे यहां जब भी कोई इस प्रकार का रोगी आता है जिसमें क्षय रोग की पुष्टि होती है, तो पहले इसकी जानकारी विभाग को दी जाती है। विभाग उसे निक्षय पोषण योजना के साथ मुफ्त इलाज योजना से जोड़ता है। इसके साथ ही आवश्यकता पड़ने पर विभाग द्वारा अन्य सहयोग भी किया जाता है। सभी प्राइवेट चिकित्सक क्षय रोगियों के चिन्हीकरण में सहयोग अवश्य करें।
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