अल्पसंख्यक महिलाओं के लिए है रोशनी योजना
आलोक कुमार बर्नवाल
सन्तकबीरनगर। महिलाओं के लिए केंद्र व प्रदेश की सरकार की योजनाओं के द्वारा उन्हें स्वावलंबी बनने की ओर प्रेरित किया जा रहा है। जिससे समाज मे समानता की परिभाषा को पूरी तरह से चरितार्थ की जा सके। इसी तरह से अल्पसंख्यक समुदाय के महिलाओं को भी आत्मनिर्भर व स्वावलंबी बनाने के लिए नई रोशनी योजना को धरातल पर उतारा गया। जिससे अल्पसंख्यक समुदाय के महिलाओं को प्रशिक्षण देकर उनके अंदर आत्मविश्वास को मजबूत करना है। जिससे अल्पसंख्यक समाज के शिक्षित महिलाओं के अंदर भी झिझक खत्म हो और उनके अंदर आत्मविश्वास का संचार हो। जिसके लिए देश प्रदेश में अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं को छह दिवसीय प्रशिक्षण के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है।
इसी क्रम में आज सांथा विकास खण्ड के ग्रामपंचायत लोहरसन में भी नई रोशनी योजना कार्यक्रम के माध्यम से अल्पसंख्यक महिलाओं के कल्याण के लिए छह दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्राम प्रधान अहमद सुहैल रहमानी द्वारा किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए ग्राम प्रधान ने कहा कि महिलाओं के सशक्त व आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओ को लागू किया गया है। जिसमे अल्पसंख्यक महिलाओं के कल्याण एवं विकास के लिए नई रोशनी योजना का शुभारंभ भी किया गया है। इस योजना का उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाएं सशक्त, आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी बनेंगीं और अपने तमाम कार्यो आदि को पूर्ण कर सकेंगी। इस योजना से महिलाओं में नेतृत्व क्षमता का विकास होगा। नई रोशनी योजना का उद्देश्य अल्पसंख्यक महिलाओं को सशक्त बनाना और उनमें विश्वास जगाना है। नई रोशनी योजना के तहत समाज के वंचित समूह की महिलाओं को सरकारी प्रणालियों, बैंकों और अन्य संस्थानों के साथ काम करने की जानकारी, साधन एवं तकनीक मुहैया कराना है। इसतरह से अनेको बातो को ग्राम प्रधान द्वारा कहा गया। इसके साथ ही प्रशिक्षण कर्ता मणि द्वारा बताया गया कि नई रोशनी योजना का उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदाय के वह महिलाये जो ईसाई, सिख, मुस्लिम, जैन आदि से आती है उनके लिए यह योजना के द्वारा महिलाओ को नेतृत्व का विकास, सामाजिक व्यवहार में सामाजिक परिवर्तन, स्वच्छ भारत मिशन में सहभागिता, महिलाओं के कानूनी अधिकार की जानकारी, जीवन कौशल की सीख, स्वच्छता व स्वास्थ्य का महत्व, शैक्षिक सशक्तिकरण, पोषण एवं खाद्य सुरक्षा आदि विषयों पर प्रशिक्षित किया जाता है। जिससे सभी महिलाओं को सामाजिक व उन्मुक्त सोच से लबरेज हो और आत्मविश्वास से अपने कार्य को कर सके। इस तरह से अनेको बातो को इनके द्वारा कहा गया। इस प्रशिक्षण के अवसर पर 25 महिलाओं का समूह रहता है। जो प्रशिक्षण प्राप्त करता है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में हुमैरा खातून, तरन्नुम, खुशनुमा खातून, तबस्सुम जहां, नूरजहां, लतीफुन्नीशा, फातिमा, सईदा, जनतुन्निशा आदि शामिल रही।
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