पहलवानो ने दिखाया दमखम
खेल जीवन का है आवश्यक अंग–पूर्व मंत्री
आलोक कुमार बर्नवाल
सन्तकबीरनगर। आज वर्तमान दौर ही नही प्राचीन समय से ही हमारे देश में सभी तरह के शारीरिक व मानसिक खेल हमारे जीवन का अभिन्न अंग रहा है। हर खेल में भारत का एक स्थान रहा है। चाहे वह जंग का मैदान हो या अखाड़े की भूमि एक दूसरे पर आजमाइश करना और जीत हासिल करना हमारा लक्ष्य होता है। खेल में हर वक़्त एक कठिन परिस्थितियों से गुजरने जैसी स्थिति बनी रहती है। हालांकि दंगल में पहलवानो की कुश्ती आज भी एक अच्छी खेल प्रतियोगिता मानी जाती है। आज यह ग्राम से लेकर शहरों तक मे चलन बढ गया है। प्राचीन समय से ही कुश्ती खेल हमारी परंपरा में शामिल है। इस खेल के माध्यम से परंपरा को जिन्दा रखने के लिये पहलवानों को प्रोत्साहन की आवश्यकता है। कुश्ती खेल में पहलवानों की खेप गांवों से ही होकर निकलती है। खेल के साथ ही मजबूत बलशाली शरीर का निर्माण होता है। आज हमारे देश के पहलवान पूरे विश्व में इस खेल के माध्यम से देश का नाम रौशन कर रहे है। राष्ट्रीय हो या अंतरराष्ट्रीय सभी जगह में हमारे खिलाड़ियों ने देश का नाम रोशन किया है।
इसी कड़ी में आज रविवार को मेंहदावल ब्लॉक के ग्रामपंचायत सरफरा में विशाल दंगल का आयोजन किया गया। इस दंगल की अध्यक्षता निर्वतमान प्रधान प्रतिनिधि रूदल यादव द्वारा किया गया था। साथ ही दंगल के आयोजन के लिए आरम्भ से ही लगे रहे। आज के दंगल में मुख्यातिथि रहे बसपा नेता सुबोध यादव ने फीता काटकर कुश्ती कार्यक्रम का आरंभ दो पहलवानो से हाथ मिलाकर करवाया गया। इस अवसर पर उनके द्वारा कहा गया कि मेरे पिता सांसद भालचंद्र यादव भी पहलवानी के जरिये ही लोकप्रियता हासिल किया था। इसलिए दंगल खेल के लिए हर वक़्त मेरे द्वारा इसके विकास का प्रयास किया जाता रहा है और आगे भी रहेगा। अब दंगल में कुश्ती का खेल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी खेला जा रहा है। रविवार को विराट राष्ट्रीय कुश्ती दंगल के उद्घाटन पर इनके द्वारा अनेको बातो को संबोधित किया गया। इस अवसर पर पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत उर्फ पप्पू निषाद भी शामिल रहे और उनके द्वारा भी पहलवानों के जोड़ो के साथ उनका उत्साहवर्धन किया गया।
पूर्व मंत्री ने दंगल देंखने आये हजारो की जनता को बताया कि वर्तमान समय में पढ़ाई के साथ खेल भी जरूरी है। पहले के समय में कुश्ती लोग सेहत के लिये लड़ते थे। आज के समय मे अब यह खेल उद्योग का रूप ले लिया है। एक समय यह खेल ग्रामीण क्षेत्र से विलुप्त हो रहा था। लेकिन आज के दौर में अब इस खेल से आम ग्रामीण भी जुड़ रहा है। दाव पेच के खेल में पलक झपकते ही खेल में जीत हार तय होता है। जिससे इस खेल से अब मनोरंजन का माध्यम बना हुआ है। इस तरह से अनेको बातो को पूर्व मंत्री द्वारा कहा गया। इस अवसर पर अतिथि के रूप में आये निर्वतमान ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि फूलचंद चौधरी ने दंगल के पहलवानो का हौसला अफजाई किया गया। आज के दंगल में पूर्वांचल के गोरखपुर, बलिया, वाराणसी, गाजीपुर आदि के पहलवानो ने शिरकत किया और अपने दमखम और दांवपेंच दंगल में दिखाया। आज के दंगल में चंद्रेश यादव व अमन की जोड़ी, शिवानन्द व रामनारायण की जोड़ी, मुलायम व सचिन, राजमंगल व अनिल, शिवलाल व सुधीर, गंगा व अजय आदि पहलवानो के जोरदार दंगल को आम जनता ने सराहा। इस कार्यक्रम का संचालन शैलेश यादव द्वारा किया गया। अध्यक्षता कर रहे प्रधान प्रतिनिधि रूदल यादव ने कहा कि खेल से शारिरिक विकास व मानसिक विकास होता है। इसलिए खेल मानव जीवन का आवश्यक अंग है और हमेशा ही रहेगा। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व प्रत्याशी व बसपा नेता सुबोध चंद्र यादव, पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत उर्फ पप्पू निषाद, ग्राम प्रधान बद्री सिंह, मूरत यादव, प्रधान शैलेश यादव, कौशलेंद्र यादव, अनिल निषाद, रामाधीन सिंह, परमात्मा यादव, ऋषिकेश जायसवाल, करुणानिधि यादव, अमरनाथ यादव आदि सहित हजारो की संख्या में जनमानस उपस्थित रही।
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