रजनीश/ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। आदर्श रामलीला कमेटी सोनवार धाम के तत्वावधान में मंगलवार की रात्रि में स्थानीय कलाकारों द्वारा मुनि आगमन से लेकर ताड़का वध व मारीच दरबार तक की लीला का सजीव मंचन किया गया। रामायण गान के पश्चात राम-लक्ष्मण की आरती महंत बृजमोहन पाण्डेय ने किया। उसके उपरांत मंचन प्रारंभ हुआ जिसमें दिखाया गया चौथे पन में चार पुत्रों का सुख पाकर राजा दशरथ की खुशी का ठिकाना नहीं था। इसी बीच मुनि विश्वामित्र राजा दशरथ के पास पहुंचे और असुरों द्वारा यज्ञ में विघ्न डालने की बात बता रक्षा के लिए उनसे दो पुत्रों श्रीराम और लक्ष्मण को मांगते हैं। राजा दशरथ न चाहते हुए मुनि को दोनों पुत्र सौंप देते हैं। उसके बाद मारीच दरबार की लीला दिखाई गई। मुनि के यज्ञ की रक्षा कर रहे श्रीराम ने एक विशाल काय राक्षसी को देख मुनि से रहस्य पूछा। मुनि ने तड़का नामक राक्षसी के बारे में बता ही रहे थे तभी तड़का आक्रमण करने को दौड़ती है। मुनि की आज्ञा पाकर श्रीराम ताड़का राक्षसी का वध कर देते हैं। रामलीला का मंचन देख दर्शक भाव विभोर हो गए। रामलीला के मंचन में तड़का का अभिनय पवन कुमार, विश्वामित्र का अभिनय कृष्ण कुमार, दसरथ का अभिनय डॉ.ओमप्रकाश दूबे, राम का अभिनय निरंजन, लक्ष्मण का अभिनय सुग्गू, मारीच का अभिनय निर्मल शास्त्री, सुबाहु का अभिनय गुलशन पाण्डेय, ब्रजदंत का अभिनय राहुल तिवारी, लोकनल का अभिनय निर्मल, ख़ानसामा का अभिनय शिव कुमार, राक्षस के अभिनय में अंकुर, पुत्तू सहित कई बालकलाकार सामिल रहे।
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