प्रमोद चौहान
मनकापुर गोंडा: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों पर निजी पैथोलॉजी केंद्र के संचालक हावी हैं| जिससे सरकार की निशुल्क सुविधाएं मरीजों को छू भी नहीं पाती हैं| ऐसे ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनकापुर का सरकारी व रिपोर्ट पर्चा सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है|
वायरल पर्चा के अनुसार 2 मार्च को रोगी शांति देवी रोगी संख्या 9222 पर एक चिकित्सक ने महज मामूली सी समस्या को लेकर निजी लैब से भारी भरकम जांच करवाने का दिशा निर्देश लिख दिया|
जांच में सीबीसी, डीएलसी, प्लेटलेट काउंट, यूरिक एसिड का जांच करवाने के लिए लिखा | चिकित्सक के पास पहले से ही मौजूद निजी पैथोलॉजी लैब के दलालों ने पर्चे को हाथों हाथ ले लिया| मरता क्या न करता की तर्ज पर मरीज ने निजी पैथोलॉजी लैब से जांच करवाया|
जिस की सुविधा मनकापुर सीएचसी में निशुल्क उपलब्ध है |नियमतः जो जाँच सरकारी तन्त्र में स्थानीय स्तर पर उपलब्ध नही है उसके लिए मरीज को जिला मुख्यालय रिफर किया जाता है |
ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि आखिर चिकित्सक निजी पैथोलॉजी लैब पर जांच के लिए मरीजों को क्यों भेजते हैं? क्या उन्हें सरकारी उपक्रम या सरकारी लैब टेक्नीशियन के जांच रिपोर्ट पर उन्हें भरोसा नहीं है?
लेकिन सूत्रों की माने तो जांच और बाहरी दवाओं के नाम पर चिकित्सकों और निजी पैथोलॉजी लैब व मेडिकल स्टोरो के द्वारा कमाओ खाओ नीति के तहत एक बड़ा गेम चल रहा है जिससे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनकापुर में इलाज के लिए आने वाले मरीज का भरपूर शोषण होता है|
वही इस बाबत डिप्टी सीएमओ व प्रभारी सीएचसी अधीक्षक डॉ एके राय से उनका पक्ष जाना गया तो उन्होंने कहा कि यदि ऐसा हुआ है तो यह निंदनीय पूर्ण है| लिखित शिकायत मिलने पर मामले की जांच की जाएगी|
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