ज्ञान प्रकाश / रजनीश
करनैलगंज(गोंडा)। सरयू तट स्थित कटरा घाट पर चल रहे सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिन शुक्रवार की रात्रि में आयोजित कथा में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटने के साथ-साथ कथा का श्रवण कर रहे श्रद्धालुओं की आंखें नम हो गई। कथा पूर्ण होने के बाद श्रद्धालुओं ने श्रद्धा एवं आस्था के साथ आचार्य को विदा किया। सात दिवसीय इस कार्यक्रम में श्मशान स्थल भी गुलजार रहा।
कथा के अंतिम दिन भगवान श्री कृष्ण की लीला के साथ साथ सुदामा चरित्र पर आधारित कथा में जीवंत रूप से भगवान श्री कृष्ण एवं सुदामा का चरित्र चित्रण दिखाया गया। कथा वाचक आचार्य रसराज मृदुल महाराज ने कथा के दौरान लोगों को भाव विभोर कर दिया और सुदामा चरित्र की कथा सुनकर लोगों की आंखों में आंसू भर आए।
आचार्य रसराज मृदुल ने बेटियों की रक्षा करने के लिए श्रोताओं से कहा कि बेटे का जन्म बड़े भाग्य से होता है तो बेटियां बड़े शौभाग्य से पैदा होती हैं। जिस घर मे बेटे होते हैं वो घर धन्य नही होता बल्कि धन्य वो घर है जिसमे बेटियां हैं।
बेटियां साक्षात लक्ष्मी का रूप लेकर घर में जन्म लेती है। उन्होंने कहा बेटियां भगवान उनको ही देते हैं जो उनका लालन पालन करने में सक्षम होते हैं। बेटियां कीमती होती हैं इसलिए उनको हिफाजत से रखा जाता है। आचार्य ने कहा सब रिश्ते जगत में झूठे हैं। सभी रिश्तों में एक न एक दिन विछड़ना होता है।
मगर सच्चा सम्बन्ध केवल आत्मा और परमात्मा का होता है। जो कभी नही टूटता। जब कोई अच्छा संकल्प करता है तो भगवान उसको जरूर पूरा करते हैं। उन अच्छे संकल्प में बेटियों की रक्षा व भगवान की आस्था के प्रति लेना चाहिए।
कथा के अंतिम दिन भारी भीड़ जुटी। पुलिस कर्मियों को बड़ी मसक्कत करनी पड़ी। कोतवाल संतोष कुमार सिंह, एसआई आदित्य गौरव पुलिसबल के साथ मौजूद रहे।
इस मौके पर संतोष कुमार जायसवाल, प्रकाश जायसवाल, राजेश कुमार सिंह, पवन गुप्ता, महेश गुप्ता, समीर गुप्ता, मुकेश सोनी, पंडित शेष कुमार पांडेय, दिनेश कुमार सिंह, दिनेश गोयल, पूर्व चेयरमैन रामजीलाल मोदनवाल, डॉ जेपी राव, शिवकुमार पुरुवार, संजय यज्ञसैनी, उमेश मिश्रा, गिरीश शुक्ला, हृदय नारायण मिश्र, आशीष शुक्ला, अशोक कुमार सिंघानिया, कृष्ण गोपाल वैश्य, डॉ रतन शुक्ला, पराग गुप्ता, जगदीश्वर मिश्रा आदि सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
श्रीमद्भागवत कथा के समापन के बाद शनिवार को सरयू तट पर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें दूरदराज क्षेत्रों से आये हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भोजन प्रसाद ग्रहण किया। भंडारे का आयोजन दिन में शुरू होकर देर रात्रि तक चलता रहा। इस भंडारे के दौरान आचार्य रसराज मृदुल महाराज को श्रद्धालुओं ने नम आंखों से विदाई भी दी।
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