अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर के कोतवाली नगर क्षेत्र के ग्राम मिश्रौलिया फत्तेजोत में उस समय हाहाकार मच गया जब गांव के ही कई दर्जन लोग एक रोड हादसे का शिकार हो गए। दुर्घटना की सूचना गांव में आते ही कोहराम मच गया । हालांकि राहत की बात यह रही कि दुर्घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है। फिर भी लगभग 3 दर्जन लोग घायल हो गए । सभी घायलों को जिला मेमोरियल चिकित्सालय में इलाज के लिए भर्ती कराया गया, जहां से 1 दर्जन से अधिक लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया तथा डेढ़ दर्जन लोगों का इलाज अभी भी चल रहा है, जिसमें से दो की हालत गंभीर बनी हुई है ।
जानकारी के अनुसार कोतवाली नगर क्षेत्र के ग्राम मिश्रौलिया फत्तेजोत के कुछ लोग गोरखपुर के पास एक मजार पर जियारत के लिए गए हुए थे। शुक्रवार की सुबह गोरखपुर से बलरामपुर लौटते समय थाना डुमरियागंज क्षेत्र के बेवा चौराहे के पास उनका डीसीएम सामने से आ रहे ट्रक से टकरा गया । ट्रक व डीसीएम का टक्कर इतना जोरदार था कि दोनों के सामने का हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया । डीसीएम में सवार सभी लोगों को चोटें आई है। बताया जा रहा है कि घटना के समय में 50 से अधिक लोग डीसीएम में सवार थे, जिसमें महिलाएं, बच्चे तथा बुजुर्ग भी शामिल थे । सभी घायलों को जिला संयुक्त चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर नानक शरण ने बताया कि डेढ़ दर्जन लोगों का इलाज चल रहा है। लगभग 1 तार्जन लोगों का प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया है तथा दुर्घटना में कुछ लोग मामूली रूप से घायल हैं । उन्होंने बताया कि 50 से अधिक लोग डीसीएम में सवार थे । कहीं ना कहीं सभी लोगों को चोट आई है, 2 लोगों की हालत गंभीर है ।जिनके सर में चोट आई है उनका सिटी स्कैन कराया गया है । कई लोगों की हड्डियां टूटी हुई हैं।
सभी का इलाज चल रहा है। अस्पताल सूत्रों के अनुसार घायलों में वारिस अली 35, मुस्ताक 65, अजीम अली 45, आसिफ 16, यूनुस, सहतुल निशा 35, समीर 55, कैसर जहां 45, मुसवरा खातून 32, मोहिद अली 15, खानिया 32, रियासत अली 17, कमर अली 25, उल्फत 15, आसिफ अली 15, अरबाज अली 12 तथा अरसा निशा 45 वर्ष शामिल हैं, जिनका इलाज जिला चिकित्सालय में चल रहा है। एक दर्जन से अधिक लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया। आश्चर्य की बात तो यह है यह सड़क सुरक्षा माह अभी समाप्त ही हुआ है, की यातायात नियमों की अनदेखी की खबरें सामने आने लगी हैं । डीसीएम जैसे वाहन केवल भार लोडिंग के लिए प्रयोग किए जाते हैं, जबकि दुर्घटना ग्रस्त डीसीएम में 50 से अधिक लोगों को भूसे की तरह सवार किया गया, जो किसी भी तरह से नियम संगत नहीं कहा जा सकता । ऐसे भी प्रतिदिन तमाम वाहन बेतरतीब सवारियों को भरकर फर्राटा भरते हैं। सब कुछ सामने होते हुए भी जिम्मेदार जान कर भी अंजान बने रहते हैं ।
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