राजकुमार शर्मा
बहराइच :- सीमावर्ती विकासखंड नवाबगंज क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत बिजलीपुर विशुनापुर में सरकार की महत्वकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना लाभार्थियों के लिए एक सपना बना हुआ है।यह सपना कब पूरा होगा किसी को पता नही है पर एक सवाल जरूर खड़ा हो रहा है जब प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार दोनों गरीबो के आवास बनवाने के बड़े बड़े दावा कर रही है वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा खुद प्रधानमंत्री जी ने कई लाभार्थियों से सीधे कार्यक्रम के माद्यम से बात चीत की फिर यह गाँव कैसे इस योजना के पहुँच से कोसो दूर रहा। डी एम साहब आखिर यह किसकी लापरवाही कही जाए। कौंन होगा इस चूक का जिम्मेदार।
कब होगा इसका हिसाब।आखिर क्यों नही मिला इस ग्रामपंचायत के गरीबो को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ क्यो यह वंचित रह गए। इस तरह तमाम प्रश्नचिन्ह उठ रहे है इस ग्रामपंचायत पर???? जिसका उदाहरण जानकी देवी पत्नी राम निवास निवाशी ग्रामपंचायत विजुलीपुर - विशुनापुर है इनके रहने के लिए घर नही है। फुस का सहारा लेकर किसी तरह अपने परिवार व बच्चों को अपने फुस वाले घर मे संजोए हुए है पर न इनका प्रधान सुनता न ही ग्रामपंचायत अधिकारी, न ही कोई बड़ा अधिकारी की नजर इन तक पहुँच सका।
आपको बता दे यह अकेले ही ऐसी महिला नही है इस ग्रामपंचायत में ऐसे ही कई घर इस गाँव मे अभी भी देखे जाते है।जो सरकार के इस योजना के दावों को खोखला साबित करते हुए पाए गए है।
इसी गांव की निवासिनी दीन देई पत्नी त्रिभुवन प्रसाद अपनी समस्या को भाउक मन से कहती है कि मेरे रहने के लिए घर नही है।पुराना मिट्टी का घर अब ढह गया है बरसाती तान कर रह रही रहने को मजबूर हुँ मजदूरी से इतना बचत नही हो पाता कि इट खरीद सकू।कई बार प्रधान जी से घर दिलाए जाने के लिए अनुनय विनय किया तो उन्होंने कहा हमारा ग्रामपंचायत ब्लॉक में इस योजना के लिए शो नही कर रहा है ।
अब देखना है कि उच्च अधिकारियों द्वारा इस प्रकरण को संज्ञान लेते है या फिर यह ढंढे बस्ते में पुनः चला जायेगा। पर एक बात जरूर है इन गरीबो का अब तक किसी अधिकारी ने नही सुना तो सरकारी तंत्र क्या इन पर अपना विश्वास कायम कर पाएगी।
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