जनपद स्तरीय लिंग संवेदीकरण कार्यशाला में बेटियों के उत्थान पर चर्चा
लैंगिक भेदभाव को दूर करने के लिए आगे आए समाज - सीएमओ
आलोक कुमार बर्नवाल
सन्तकबीरनगर। जिलाधिकारी श्रीमती दिव्या मित्तल ने कहा कि बालिकाएं प्रकृति का अनुपम उपहार हैं। प्रदेश में बालिकाओं के जन्म का घटता हुआ लिंगानुपात चिन्ता का विषय है। एनएफएचएस 4 के सर्वे के अनुसार प्रति हजार बालकों पर बालिकाओं का राष्ट्रीय लिंगानुपात 919 है तो प्रादेशिक लिंगानुपात 903 है। ऐसे में बालिकाओं की शिक्षा, सुरक्षा और संरक्षा हम सभी लोगों का दायित्व है। इस बात के लिए सभी को संकल्पित होना होगा कि वे बालिकाओं के उत्थान की दिशा में चल रहे प्रयासों में अपना अमूल्य योगदान दें।
यह बातें उन्होने कलेक्ट्रेट सभागार में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निर्देश पर जिला स्वास्थ्य समिति की तत्वावधान में लैंगिक समानता पर आयोजित जनपद स्तरीय संवेदीकरण कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहीं। इस दौरान सीएमओ डॉ हरगोविन्द सिंह ने कहा कि गर्भधारण व प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण की प्रक्रिया पर प्रभावी नियन्त्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से संकल्पित है। अगर कहीं पर लिंग निर्धारण के लिए प्रेरित करने या फिर लिंग जांच की बात सामने आती है तो पीसीपीएनडीटी एक्ट 1994 के तहत कार्यवाही की जाएगी। इसका उल्लंघन करने पर 50 हजार रुपए का जुर्माना तथा तीन वर्ष की सजा का प्रावधान किया गया है। वहीं दूसरी गलती पर 1 लाख का जुर्माना तथा 5 साल की सजा का प्रावधान है। अगर जनपद में कहीं भी लिंग निर्धारण का कार्य अल्ट्रासाउण्ड सेण्टरों पर हो रहा है तो इस बात की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दें। इस दौरान एसीएमओ आरसीएच डॉ मोहन झा, डॉ ए के सिन्हा, राजकीय बालिका इण्टर कालेज की प्रधानाचार्य के साथ ही अन्य कई स्कूलों के शिक्षक व शिक्षिकाओं के साथ ही विभिन्न समाजसेवी संगठनों के लोग मौजूद रहे।
महिलाओं व बालिकाओ के लिए योजनाएं
जनपद में महिलाओं व बालिकाओं की सहायता के लिए स्वयं सहायता समूह, पंचायती राज में आरक्षण, तकनीकी प्रशिक्षण देकर स्वावलम्बी बनाने की योजना, किशोरी सशक्तिकरण स्कीम, कौशल विकास प्रशिक्षण, कौशल उन्न्यन, जीवन सुधार कन्या सुमंगला योजनाओं के साथ ही अन्य कई योजनाएं चलाई जा रही हैं।
सन्तकबीरनगर में लैंगिक आकड़े
वर्ष 2018 में बालिका जन्मदर 2018 में जहां प्रादेशिक स्तर पर 918 थी तो वहीं जनपद स्तर पर 980 थी। वहीं 2019 में प्रादेशिक स्तर पर जन्मदर 926 थी तो जनपद स्तर पर 954 थी। जनगणना के अनुसार शून्य से 6 वर्ष तक के लिंगानुपात की स्थिति जनपद में 2001 की जनगणना में 941 थी तो 2011 की जनगणना में 942 पहुंच गई। इसमें 1 अंक की बढ़ोत्तरी हुई। वहीं समीपवर्ती जनपद बस्ती में 9 तथा सिद्धार्थनगर जनपद में 29 अंको की कमी पाई गई।
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