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Sant kabir nagar मण्‍डलायुक्‍त व डीएम के सहयोगात्‍मक पर्यवेक्षण में कोरोना वैक्‍सीन की हुई ड्राई रन





डिस्ट्रिक्‍ट हास्पिटल के साथ ही 6 स्‍वास्‍थ्‍य इकाइयों पर ड्राई रन के 12 सत्र चले
कमियों को किया दुरुस्‍त तथा बेहतर कार्य पर किया उत्‍साहवर्धन, व्यवस्था का लिया जायजा

आलोक बर्नवाल

सन्तकबीरनगर। कोरोना टीकाकरण के लिए डिस्ट्रिक्‍ट हास्पिटल के एमसीएच विंग के साथ ही कुल 6 स्‍वास्‍थ्‍य इकाईयों पर मंगलवार को ड्राई रन का आयोजन किया गया। टीकाकरण के लिए किए गए पूर्वाभ्‍यास के दौरान इन स्‍वास्‍थ्‍य इकाईयों पर प्रति इकाई दो - दो टीम के हिसाब से 12 टीकाकरण सत्र चलाए गए। इस दौरान मण्‍डलायुक्‍त के साथ ही डीएम व अन्‍य अधिकारियों ने टीकाकरण के लिए लगाए गए कर्मियों के साथ सहयोगात्‍मक पर्यवेक्षण किया। जहां पर कमियां मिलीं उन्‍हें दुरुस्‍त करने के साथ ही बेहतर कार्य पर उत्‍साहवर्धन भी किया गया।

ड्राईरन की शुरुआत सुबह 9.45 बजे से ही डिस्ट्रिक्‍ट हास्पिटल की एमसीएच विंग, सीएचसी खलीलाबाद, सांथा, नाथनगर, सेमरियांवा व ब्‍लाक पीएचसी बघौली पर पूरी हो गई थी। पहले 15 मिनट में हर इकाई के प्रमुख ने लगे हुए चिकित्‍सा व पुलिसकर्मियों को उनके दायित्‍वों से अवगत कराया। इसके बाद सुबह 10 बजे से हर इकाई पर एक - एक करके टीके के लाभार्थी स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों को भेजा गया। इस दौरान पर्यवेक्षण के लिए हर इकाई पर लगाए गए पर्यवेक्षक सारी गतिविधियों की निगरानी करते रहे। डीएम दिव्‍या मित्‍तल तथा एसपी डॉ कौस्‍तुभ ने डिस्ट्रिक्‍ट हास्पिटल के साथ ही सीएचसी खलीलाबाद व ब्‍लाक पीएचसी बघौली का पर्यवेक्षण किया । वहीं मण्‍डलायुक्‍त बस्‍ती मण्‍डल ने भी इन इकाइयों पर पहुंचकर सहयोगात्मक पर्यवेक्षण के साथ दिशा निर्देश दिए। इस दौरान सीएमओ डॉ हरगोविन्‍द सिंह के निर्देशन में एसीएमओ डॉ मोहन झा, सीएमएस डॉ ओ पी चतुर्वेदी, आरआटी टीम के प्रभारी डॉ ए के सिन्‍हा, डीआईओ डॉ एस रहमान, डिस्ट्रिक्‍ट वैक्‍सीन मैनेजर सुशील वर्मा, यूपीटीएसयू के डिस्ट्रिक्‍ट टेक्निकल स्‍पेशलिस्‍ट, एसीएमओ वेक्‍टर बार्न डॉ वीपी पाण्‍डेय, डीटीओ डॉ एस डी ओझा, डीएमओ अंगद सिंह, एडीएमओ सुनील चौधरी, मनीष मिश्रा, अ‍भय त्रिपाठी, सोनम सिंह के साथ ही अन्‍य लोग विभिन्‍न स्‍वास्‍थ्‍य इकाइयों पर उपस्थित रहे।

...और डीएम दिव्या मित्तल खुद बन गयी लाभार्थी

डिस्ट्रिक्‍ट हास्पिटल के एमसीएच विंग के टीकाकरण सेण्‍टर पर डीएम दिव्‍या मित्‍तल ने खुद को ही क्षद्म लाभार्थी के रुप में प्रस्‍तुत किया। विंग में घुसते ही उन्‍होने कहा कि मेरा नाम संजू गुप्‍ता है। मुझे कोरोना की वैक्‍सीन लगनी है। इस दौरान वहां पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने लिस्‍ट में नाम देखकर उन्‍हें अन्‍दर जाने को कहा तो उन्‍होने टोका कि अन्‍दर जाने से पहले तापमान की चेकिंग, मोबाइल का मैसेज, आईडी कार्ड के साथ ही शारीरिक तापमान भी तो देखना है। सभी ने गलती को सुधारा। इसके बाद डीएम अन्‍दर चली गईं। वेटिंग हाल में जाकर वेरिफायर के पास भी जाकर उन्‍होने यही बात दोहराई। वेरीफायर ने कहा कि आपका नाम लिस्‍ट में है ही नहीं। इसके बाद डीएम ने बताया कि अगर कोई यहां तक पहुंचेगा तो यह जरुरी है कि गेट पर चेकिंग के बाद ही पहुंचेगा। नहीं तो वह गेट पार ही नहीं कर पाएगा। इसके बाद पता चला कि नाम तो है, लेकिन दूसरी टीम वाली लिस्‍ट में है। वैक्‍सीनेशन रुम से लेकर निगरानी कक्ष तक में तैनात हर वालंटियर के सामने उन्‍होने खुद को वैक्‍सीन के लाभार्थी के रुप में प्रस्‍तुत किया तथा उनकी कमियों को बताया। जहां पर उन्‍हें बेहतर व्‍यवस्‍था दिखी तो उन्‍होने वालंटियर्स को प्रोत्‍साहित भी किया।

एसपी के निर्देशन में जमा रहा सुरक्षा अमला

ड्राई रन के दौरान पुलिस अधीक्षक डॉ कौस्‍तुभ के निर्देशन में सुरक्षा अमला हर स्‍वास्‍थ्‍य इकाई पर पूरी तरह से सतर्कता के साथ जुटा रहा । डिस्ट्रिक्‍ट हास्पिटल, सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र खलीलाबाद व ब्‍लाक सीएचसी बघौली में तो एसपी डॉ कौस्‍तुभ खुद गए और वैक्‍सीनेशन में लगी हुई टीम का सहयोग किया। साथ ही उन्‍हें विविध जानकारियों से अवगत भी कराया। इस दौरान सुरक्षा के साथ ही शालीनता की भी सलाह एसपी ने सभी पुलिसकर्मियों को दी।

यह होगी वैक्सीनेशन की प्रक्रिया

वैक्‍सीनेशन के लिए कोविन पोर्टल से लाभार्थी के पास एक मैसेज आएगा कि वैक्‍सीनेशन कब होना है तथा कहां होना है। उस मैसेज के आधार पर व्‍यक्ति केन्‍द्र पर पहुंचेगा। वहां अन्‍दर जाने से पहले गेट पर ही लाभार्थी को मैसेज दिखाना होगा। इसके साथ ही उसका पहचान पत्र व तापमान लिया जाएगा। सब कुछ ठीक होने के बाद अन्‍दर जाने दिया जाएगा। वहां वेरीफायर आफिसर पूरा डाटा नोट करेगा तथा वैक्‍सीनेशन रुम में भेज देगा। वैक्‍सीनेशन के बाद उन्‍हें पर्यवेक्षण कक्ष में ले जाया जाएगा तथा निगरानी की जाएगी। आधे घण्‍टे की अवधि के दौरान कोई परिवर्तन न होने की दशा में उनको घर भेज दिया जाएगा। अगर कोई दिक्‍कत होगी तो वहां पर मौजूद टीम लाभार्थी की दिक्‍कत के हिसाब से आवश्‍यक कार्यवाही करेगी।

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