स्पर्श कुष्ठ जागरुकता अभियान 30 जनवरी से 13 फरवरी तक चलेगा
गांव गांव में प्रचार वाहन तथा कर्मी जाकर करेंगे कुष्ठ रोगियों की खोज
आलोक कुमार बर्नवाल
सन्तकबीरनगर। सीएमओ डॉ हरगोविन्द सिंह ने कहा कि कुष्ठ रोग पूरी तरह से साध्य है। समय से इलाज करने पर इससे न सिर्फ मुक्ति मिल जाती है, बल्कि विकलांगता से भी बचा जा सकता है। कुष्ठ रोग के लिए सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर मुफ्त इलाज की सुविधा है। यह पूरी तरह से ठीक हो सकता है, इसलिए कुष्ठ रोगी से भेदभाव बिल्कुल न करें। कुष्ठ रोग के उन्मूलन के लिए आगामी 30 जनवरी से 13 फरवरी तक व्यापक अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत स्वास्थ्य कर्मी गांव गांव में जाकर कुष्ठ रोगियों की खोज के साथ ही जागरुकता फैलाने का काम करेंगे।
यह बातें सीएमओ डॉ हरगोविन्द सिंह ने कुष्ठ रोग अभियान के शुरुआत की तैयारी बैठक में कहीं । इस दौरान जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ. वी पी पाण्डेय ने कहा कि केंद्र सरकार की यह पहल है कि 2022 तक कुष्ठ रोगियों से मुक्त भारत का निर्माण किया जाए । कुष्ठ रोग माइक्रो वैक्टीरियम लेप्रे नामक जीवाणु से होता है। यह साथ खाने, उठने बैठने से नहीं फैलता है। यह आनुवांशिक एवं छुआछूत रोग नहीं है। समय से जांच और उपचार कराने से दिव्यांगता से भी बचा जा सकता है। इससे संबंधित विभिन्न कार्यक्रम 13 फरवरी तक आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कुष्ठ रोग से डरने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से कुष्ठ रोगियों को 2500 रुपया मासिक पेंशन दिया जाता है।
इस दौरान एसीएमओ आरसीएच डॉ मोहन झा, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एस डी ओझा, मनीष मिश्रा , डॉ ए के सिन्हा समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
जनपद में है 36 कुष्ठ रोगी
जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ वी पी पाण्डेय ने बताया कि जनपद में वर्तमान में 36 कुष्ठ रोगी उपचाराधीन हैं। जबकि 40 कुष्ठ रोगियों का इलाज पिछले माह में पूरा हो गया है। उनको समय समय पर दवा देने के साथ ही साथ फालोअप भी किया जाता है।
कुष्ठ रोग के लक्षण
चमड़ी पर कोई दाग हो, चकत्ता हो या सुन्नपन की स्थिति हो। शरीर को कोई भी धब्बा संवेदना रहित होने लगे। हाथ या पैरों में अस्थिरता या झुनझुनी हो, हाथ या पैर तथा पलकों में कमजोरी हो। नसों में दर्द , कान या चेहरे पर सूजन या गांठ हो तथा हाथों या पैरों पर सुन्न या घाव हो।
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