विश्व स्वास्थ्य संगठन की मण्डलीय सलाहकार ने किया क्षय रोग अभियान का निरीक्षण
महुली और नाथनगर क्षेत्र में चल रहे अभियान का लिया जायजा , दिए विविध निर्देश
आलोक बर्नवाल
सन्तकबीरनगर। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एस डी ओझा ने बताया कि पुनरीक्षित क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम की विश्व स्वास्थ्य संगठन मण्डलीय कन्सल्टेण्ट डॉ. पी. एस. प्रीती जिले के दौरे पर आई थीं। उन्होने क्षय रोगियों के कम नोटिफिकेशन वाले क्षेत्र नाथनगर व महुली में गईं तथा क्षय रोगियों के नोटिफिकेशन को लेकर लोगों को जागरुक करने की बात कही। इस दौरान उन्होने कहा कि क्षय रोग के प्रति लोगों को जागरुक करने के साथ ही पहचाने तथा उनका इलाज भी कराएं। वर्ष 2025 तक टीबी को हर हाल में जड़ से समाप्त करना है । इस अभियान में आम जन की भी सहभागिता आवश्यक है।
सीएमओ डॉ हरगोविन्द सिंह के निर्देशन में चल रहे क्षय रोगी खोजी अभियान के सहयोगात्मक पर्यवेक्षण के लिए आई डॉ प्रीति ने कहा कि आशा, आंगनबाड़ी, एएएनएम के साथ ही आम जनता से भी अपील है कि वह टीबी रोगियों को पहचानकर अस्पताल तक ले जाएं और उनका इलाज कराएं। क्षय रोगियों के कम चिन्हीकरण के लिए जिम्मेदार क्षय रोग के प्रति हमारे अन्दर जानकारी का अभाव है। इसलिए सभी लोगों को शिक्षित करना होगा। उन्हें संवेदीकृत किया जाय ताकि वे जांच के लिए राजी हों । अपनी बीमारी को किसी भी दशा में न छिपाएं ।
वह टीबी सेल के जिला कार्यक्रम समन्वयक अमित आनन्द, ईश्वर चौधरी तथा बाबूराम के साथ नाथनगर व महुली क्षेत्र में गईं। वहां पर उन्होने आम जनता से मिलकर क्षय रोग को समाप्त करने की दिशा में चलाए जा रहे अभियान में सहयोग की बात भी कही।
टीम के सदस्यों की टैलीशीट का किया मिलान
क्षय रोग उन्मूलन अभियान के जिला कार्यक्रम समन्वयक अमित आनन्द ने बताया कि निरीक्षण के दौरान नाथनगर ब्लाक क्षेत्र के महुली में उन्होंने अभियान में लगी टीम की सदस्य अनीता , बिन्दू और मंजू से टीबी के लक्षणों के बारे में पूछा। आशा कार्यकर्ताओं ने उन्हें संतोषजनक जवाब दिया। इस दौरान उन्होने उनकी टैली शीट को चेक किया तथा वहां के ग्रामीणों से उनके कार्यों के बारे में पूछा। आशा कार्यकर्ताओं ने बताया कि उन्हें अभियान के बारे में प्रशिक्षण में इन सारी बातों को बताया गया था।
यह लक्षण दिखे तो जरूर करा लें जांच
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एसडी ओझा ने बताया कि अगर छह प्रकार के लक्षण दिखाई दें तो कतई नजरंदाज न करें। इनमें दो सप्ताह या उससे अधिक समय से खांसी आना। खांसी के साथ बलगम व बलगम के साथ खून आना। वजन का घटना। बुखार व सीने में दर्द, शाम के समय हल्का बुखार होना। रात में बेवजह पसीना आना। भूख कम लगने जैसी समस्या है तो अवश्य ही अपनी जांच करा लें। जांच के उपरान्त समय पर इलाज हो जाने से टीबी ठीक हो सकता है।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ