कोरोना काल की संपादित पुस्तक " कोरोना-2020 " का लोकार्पण हुआ..
एस के शुक्ला
प्रतापगढ़। सृजना साहित्यिक संस्था के तत्वावधान में देर सांयकाल में विश्व हिन्दी दिवस पर सृजनाकुटीर अजीतनगर में पुस्तक लोकार्पण एवं हिन्दी भाषा उत्थान हेतु काव्यगोष्ठी का आयोजन किया गया। समवेत स्वर में हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाये जाने की माँग की गई। सर्वप्रथम भगवान बुद्ध की प्रतिमा के समक्ष पुष्पार्पण हुआ, तत्पश्चात बुद्ध वंदना, त्रिशरण एवं पंचशील का वाचन हुआ। लेखक डॉ० आजेन्द्र प्रताप सिंह की कोरोना काल की काव्य पुस्तक " कोरोना-2020 " का लोकार्पण किया गया। इसके उत्कृष्ट लेखन के लिए डॉ० आजेन्द्र प्रताप सिंह को सृजना ने 'साहित्य गौरव सम्मान' से नवाजा। रायबरेली के प्रख्यात कवि-लेखक डॉ० रामनिवास पंथी को भी साहित्य गौरव सम्मान दिया गया। गौरतलब है कि कोरोना-2020 में राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के 118 कवियों की कोरोना विषय पर रचनाएँ प्रकाशित हैं।अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ कवि-साहित्यकार डॉ० दयाराम मौर्य रत्न ने लेखक और पुस्तक की सराहना की।मुख्य अतिथि साहित्यकार रामनिवास 'पंथी' ने कहा कि सृजना साहित्यिक संस्था का साहित्य और समाज के विकास में प्रमुख योगदान है। एलायंस क्लब इंटरनेशनल के अन्तर्राष्ट्रीय एडवाइजर रोशनलाल ऊमरवैश्य ने कहा कि साहित्यकार समाज के वास्तविक मार्गदर्शक हैं। उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।इस मौके पर ट्रस्टी आनन्द मोहन ओझा ,अनिल कुमार निलय,कवि प्रेमकुमार त्रिपाठी 'प्रेम', राधेश्याम दीवाना, श्रीनाथ मौर्य सरस, राजेश कुमार मिश्र,सिद्धांत शेखर मौर्य, रीतिका मौर्य रीतू , नीरांजलि मौर्य परी ने हिन्दी के वैश्विक महत्व पर काव्यपाठ किया।
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