बच्चों की शिक्षा के लिए पहले की तुलना में पांच गुना अधिक खर्च करेगी सरकार
एस के शुक्ला
प्रतापगढ़ । अनुसूचित जाति (एससी) के बच्चों की शिक्षा के लिए पहले की तुलना में पांच गुना अधिक पैसा खर्च किया जाएगा।सरकार की ओर से चलाए गयी योजनाओं के तहत अगले पांच सालों में 59 हजार करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे। उक्त बातें एससी- एसटी आयोग की सदस्य श्रीमती अनीता सिद्धार्थ ने भाजपा कार्यालय पर पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहीं। इस दौरान उन्होने बताया कि केन्द्र सरकार ने 2019 के चुनाव में सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास का नारा के रास्ते पर आगे बढ़ते हुए दलित वर्गों के लिए एक बड़ी घोषणा की है।बताया कि 59 हजार करोड़ में से 35 हजार करोड़ रुपये से अधिक केंद्र सरकार खर्च करेगी। इस योजना से सरकार अगले चार वर्षों में चार करोड़ दलित बच्चों को सुविधा मुहैया कराएगी। इनमें से करीब 1.36 करोड़ छात्र सबसे अधिक लाभ पर सकेंगे। श्रीमती अनीता सिद्धार्थ ने आगे कहा कि मोदी सरकार दलित बच्चों को पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप देगी। इस योजना से अनुसूचित जाति के युवाओं के लिए शैक्षिक पहुंच और भी आसान होगा। उन्होंने कहा कि दलित वर्ग के युवाओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सस्ती शिक्षा सुनिश्चित करना मोदी सरकार की प्राथमिकता है। श्रीमती सिद्धार्थ ने बताया कि लाभार्थी छात्रों को छात्रवृत्ति डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिए सीधे उनके खाते में भेजी जाएगी। वर्तमान में केंद्र सरकार इस पैसे को राज्यों और शैक्षणिक संस्थानों को देती थी, फिर छात्रों तक पहुँचती थी। जिसके चलते अनेक गड़बड़ी की जाती थी। छात्रवृत्ति योजना में केंद्र और राज्य सरकारों के बीच हिस्सेदारी तय कर दी गयी है। अब छात्रवृति की रकम का 60 फीसदी केंद्र सरकार और 40 फीसदी राज्य सरकारें देंगी। पहले इस योजना के तहत केंद्र सरकार राज्यों को प्रत्येक वर्ष औसतन 11 सौ करोड़ थी, जो अब बढ़ा कर 6 हजार करोड़ रूपये प्रति वर्ष हो गयी है। प्रेसवार्ता के दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्र, गिरधारी सिंह, राम असारे पाल सहित आदि मौजूद रहे।
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