ए. आर. उस्मानी
गोण्डा। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार रविवार को अवध केसरी सेना द्वारा बजाज शुगर मिल कुन्दरखी का घेराव करना था, लेकिन प्रशासन द्वारा अनुमति नहीं दी गई। इसके बावजूद क्षेत्र के किसानों को लामबंद किया जा रहा था। एक तरफ जहां अवध केसरी सेना मिल के घेराव पर अड़ी थी, वहीं उसे रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। चीनी मिल के पांच किलोमीटर के दायरे में चारों तरफ चप्पे-चप्पे पर पुलिस-पीएसी तैनात कर जबरदस्त घेराबंदी की गयी थी।
एडीएम, तहसीलदार, सीओ के साथ ही मोतीगंज समेत 6 थानों के प्रभारी निरीक्षक मयफोर्स मोर्चा संभाले रहे। इतनी सख्त सुरक्षा व्यवस्था को धता बताते हुए अवधकेशरी सेना प्रमुख ठाकुर नीरज सिंह ने अपने कई सहयोगियों व किसानों के साथ मोटरसाइकिल से चीनी मिल चौराहे पर पहुंचकर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया।
बजाज चीनी मिल कुन्दरखी यूनिट द्वारा पिछले गन्ना पेराई सत्र का करीब एक अरब से अधिक का बकाया भुगतान अब तक नहीं किया गया है। इसको लेकर अवधकेशरी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर नीरज सिंह ने मोर्चा संभाला और 10 जनवरी को चीनी मिल के घेराव का अल्टीमेटम दिया। धरना प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए बड़े पैमाने पर मुहिम शुरू कर किसानों को लामबंद किया गया। तय किया गया कि मिल के घेराव में 50 हजार किसानों को शामिल किया जाएगा। इसके लिए गांव-गांव में किसानों की टीम बनाई गई। कार्यक्रम के लिए अवधकेशरी सेना द्वारा जिला प्रशासन से अनुमति मांगी गई, लेकिन कोविड-19 व धारा 144 का हवाला देते हुए अनुमति देने से इंकार कर दिया गया। इसके बावजूद अवधकेशरी सेना के प्रमुख मिल घेराव पर अड़े रहे। जिला प्रशासन ने किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए मिल के करीब पांच किलोमीटर के दायरे में चारों तरफ चप्पे-चप्पे पर पुलिस फोर्स तैनात कर दिया। कस्टुआ, बघेलवा चौराहा, मोतीगंज पीपल चौराहा, पावर प्लांट के पास, आरएसएम इंटर कालेज के पास, काजीदेवर चौराहा, सैदवापुर समेत दर्जनभर पुलिस प्वाइंट बनाकर प्रदर्शनी किसानों को रोकने की चाक चौबंद व्यवस्था की गई थी। वहीं चीनी मिल कुन्दरखी चौराहे पर सीओ मनकापुर रामभवन यादव, एडीएम गोण्डा, तहसीलदार सदर, प्रभारी निरीक्षक इटियाथोक संजय दूबे, प्रभारी निरीक्षक वजीरगंज संतोष तिवारी, कोतवाल मनकापुर केके राणा, प्रभारी निरीक्षक मोतीगंज अशोक सोनकर, धानेपुर थानाध्यक्ष गोरखनाथ सरोज, कहोबा चौकी प्रभारी भोलाशंकर मयफोर्स मुस्तैद रहे।
इतनी जबरदस्त घेराबंदी के बावजूद अवध केसरी सेना प्रमुख ठाकुर नीरज सिंह के नेतृत्व में प्रदेश अध्यक्ष नील ठाकुर, राष्ट्रीय संयोजक संतोष सिंह, राघवेन्द्र सिंह के साथ ही बड़ी संख्या में अवध केसरी सेना के पदाधिकारी तथा किसान मोटरसाइकिलों से कुन्दरखी चौराहे पर पहुंच गए। पगडंडियों के रास्ते मिल चौराहे पर पहुंचे प्रदर्शनकारियों को अचानक देखकर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी अवाक रह गए। अवध केसरी सेना के पदाधिकारी, कार्यकर्ता एवं किसानों को पुलिस ने शुगर मिल की ओर बढ़ने से रोक दिया। इस पर आक्रोशित लोग धरने पर बैठ गए और मिल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दिए। पुलिस व प्रशासन के अधिकारी मान-मनौव्वल में जुटे रहे। भारी दबाव के बाद शुगर मिल के यूनिट हेड जीवी सिंह वार्ता के लिए पहुंचे, लेकिन बात नहीं बनी। दोपहर डेढ़ बजे मिल प्रशासन व किसानों के बीच दोबारा वार्ता हुई लेकिन कोई सार्थक परिणाम नहीं निकला। इस पर किसानों ने अनिश्चितकालीन धरने की तैयारी शुरू कर दी। तीसरे दौर की वार्ता में बात बनी। मिल प्रशासन ने लिखित रूप से आश्वस्त किया कि आगामी 20 फरवरी तक पिछले पेराई सत्र का बकाया भुगतान कर दिया जाएगा। इसके बाद किसानों ने धरना प्रदर्शन समाप्त कर दिया।
...जिद के आगे झुक गयी पुलिस!
अवध केसरी सेना के प्रदेश प्रभारी मानेन्द्र सिंह मोनू, प्रदेश सचिव अरूणेश यादव, आलोक सिंह बाबा व संतोष सिंह को रविवार की सुबह मोतीगंज पुलिस ने उनके घर से उठा लिया था, जिन्हें थाने पर बैठाया गया। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि अवध केसरी सेना के साथियों को धरनास्थल पर लाया जाए। वे अपनी इस मांग को लेकर जिद पर अड़ गए। उनकी मांग व तेवर के आगे मोतीगंज पुलिस को झुकना पड़ा और हिरासत में लिए गए अवध केसरी सेना के पदाधिकारियों को पुलिस के वाहन से लाकर धरना-प्रदर्शन स्थल पर छोड़ा गया।
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