वासुदेव यादव
अयाेध्या। विश्व हिंदू महासंघ के बैनर तले गुरूवार काे दशरथगद्दी चौबुुुरजी मंंदिर रामकाेट में एक बैठक का आयाेजन किया गया। उक्त बैठक में संताें ने अंग्रेजी नववर्ष का पूर्ण बहिष्कार किया। इस दौरक़्क़न हिन्दू नव वर्ष मनाने की अपील किया।
अध्यक्षता करते हुए दशरथगद्दी के महंत बृजमाेहनदास ने कहाकि हम अंग्रेजाे की नकल न करें। हमें अंग्रेजी नव वर्ष 2021 नही मनाना चाहिए। बल्कि इसका पूर्ण बहिष्कार करें। तभी हमारी भारतीय संस्कृति बचेगी। सम्पूर्ण भारतवासी हिंदी नववर्ष मनाए। जाे प्रतिवर्ष चैत्र मास के शुक्लपक्ष की प्रतिपदा काे पड़ता है। उन्होंने कहाकि आज हम साधु-संत हिंदी नववर्ष का बहिष्कार कर रहे हैं, जिसका आगाज अयाेध्या से हाे चुका है। सभी लोग अंग्रेजी नववर्ष का बहिष्कार करें। इसी उद्देश्य से यह बैठक आयाेजित की गई है। ख्याति लब्ध कथाव्यास देवेंद्र पाठक ने कहाकि हम सब आर्यावर्त के वासी हैं। अपनी परम्परा का मिलकर मान बढ़ायें। चैत्र मास में हिंदी नववर्ष काे पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाएं। ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियों को भी इससे प्रेरणा मिल सके।
वहीं विश्व हिंदू महासंघ की महिला प्रकाेष्ठ जिलाध्यक्ष दीपिका सिंह व समाज सेवी आशीष जी ने कहाकि संताें के कारण हमारी भारतीय संस्कृति बची हुई है। सनातन धर्म और संस्कृति की रक्षा संत ही कर रहे हैं। इसलिए हम सबकाे संताें की शरण में आना चाहिए। गुरू के बिना प्रभु श्रीराम भी नही चले। उन्हें भी गुरू के शरण की आवश्यकता पड़ी। हम लाेग ऐसा कार्य करें, जिससे हमारी आने वाली पीढ़ी को हम पर गर्व हो। सभी से आहवान है कि ज्यादा से ज्यादा अंग्रेजी नववर्ष का बहिष्कार करें और हिंदी नववर्ष मनाएं। अंत में महिला प्रकाेष्ठ जिलाध्यक्ष ने माल्यार्पण व अंगवस्त्र ओढ़ाकर संताें काे सम्मानित भी किया।
इस माैके पर शत्रुघ्न निवास के महंत पवनकुमार शास्त्री, करपात्री महाराज, महंत बलराम दास हनुमानगढ़ी, महंत सत्येंद्र दास वेदांती, महंत डॉ. उद्धव शरण, महंत हनुमान दास, महंत रामनरेश शरण, महंत पवनकुमार दास, महंत कृष्ण कुमार दास, महंत सीताराम दास, रामदास दयालु, संत नारद मुनि, पुजारी राजकुमार दास, हिंदू नेता संताेष दूबे, नारायण मिश्र, वरूण दास, पहलवान मनीराम व राजेश दास, अनिरूद्ध दास, वीरू दास, अनिल दास, साैरभ दास, रामदत्त दास, सियाराम दास पुजारी राजकुमार दास महराज आदि मौजूद रहे।
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