नाथनगर सेमरियांवा और पौली की संगिनियों को आशा कार्यकर्ताओं की क्लस्टर मीटिंग के लिए किया गया प्रशिक्षित
शिशु की गृह आधारित देखभाल के साथ ही परिवार नियोजन तथा अन्य विविध योजनाओं के प्रति किया गया जागरुक
आलोक बर्नवाल
सन्तकबीरनगर। आशा कार्यकर्ताओं की मासिक क्लस्टर मीटिंग के दौरान उनके सवालों के समुचित जवाब और उनकी समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए जिले के तीन ब्लाकों की आशा संगिनियों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया । उत्तर प्रदेश तकनीकी सहयोग इकाई ( यूपीटीएसयू ) की निगरानी में हुए इस तीन दिवसीय कौशल संवर्धन कार्यशाला में विशेषज्ञों ने संगिनियों को प्रसव के साथ ही गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल के गुर सिखाए गए । इसके साथ ही बाल्यकाल के रोगों न्यूमोनिया व डायरिया के साथ परिवार नियोजन पर भी चर्चा की गई।
डिस्ट्रिक्ट कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर (डीसीपीएम) संजीव कुमार सिंह ने प्रसव में आशा कार्यकर्ता व संगिनियों की भूमिका और उनके महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एक गर्भवती और स्वास्थ्य विभाग के बीच आशा कार्यकर्ता एक सेतु काम काम करती है । गर्भकाल से ही वह उसके निरन्तर सम्पर्क में रहती है। इसलिए उसे गर्भावस्था के साथ ही प्रसव की बारीकियों को समझने तथा सरकार के द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ प्रदान करने में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शिशु के जन्म के बाद उसकी गृह आधारित देखभाल का दायित्व भी आशा कार्यकर्ता पर ही होता है। अगर बच्चे का वजन सामान्य बच्चे के वजन से कम है तो उसको कंगारू मदर केयर (केएमसी) पर रेफर कराया जाए । वही विशेषज्ञों ने परिवार नियोजन पर भी चर्चा की। इस दौरान तीनों ब्लाकों के ब्लाक कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर (बीसीपीएम) भी मौजूद रहे। इन तीन दिनों में सीएमओ डॉ हरगोविन्द सिंह, एसीएमओ डॉ मोहन झा, जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ ए के सिन्हा के साथ ही अन्य प्रशिक्षकों ने उन्हें प्रशिक्षण प्रदान किया।
इन विषयों पर किया गया कौशल संवर्द्धन
· मातृ मृत्यु के कारण, समीक्षा प्रपत्र भरना और कम करने में आशा कार्यकर्ता की भूमिका
· गर्भवती का चिन्हांकन तथा पंजीकरण में होने वाले गैप का आंकलन
· प्रसव पूर्व देखभाल तथा इससे सम्बन्धित शासकीय योजनाएं तथा आयरन गोली की उपलब्धता
· उच्च जोखिम वाली महिलाओं की पहचान तथा उनके रेफरल की व्यवस्था
· जन्म की तैयारी के साथ संस्थागत प्रसव व प्रसव केन्द्र पर महिला की देखभाल
· नवजात शिशु की गृह आधारित देखभाल, मां और नवजात के खतरों के बारे में जानकारी
· जन्म के समय कम वजन के बच्चों का केएमसी के माध्यम से प्रबन्धन
· न्यूमोनिया व डायरिया की पहचान, प्रबन्धन तथा आशा व संगिनी की भूमिका
· नियमित टीकाकरण, टीकों के बारे में जानकारी तथा वीएचएनडी का संचालन
· परिवार नियोजन की अस्थायी तथा स्थायी विधियां और प्रोत्साहन राशि
· ग्राम स्वास्थ्य सूचकांक पंजिका तथा उसका अपडेटेशन में सहयोग
· संगिनी की 10 सूचकांकों के आधार पर आशा की ग्रेडिंग और रिपोर्टिंग
विभिन्न विषयों पर मिली बेहतर जानकारी–अम्बाला सिंह
नाथनगर के तयरपार की आशा संगिनी अंबाला सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान हमें विभिन्न विषयों पर जो जानकारियां दी जा रही हैं वह हमारे कौशल को बढ़ाने के लिए बहुत ही आवश्यक हैं। अक्सर कई बार आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा ऐसे कई प्रश्न पूछ लिए जाते हैं जिनका उत्तर न रहने की दशा में हमें जिला मुख्यालय पर अधिकारियों को फोन लगाकर पूछना पड़ता है। समय से उत्तर नहीं मिल पाता है। इन विषयों की जानकारी अब हम क्लस्टर मीटिंग में आशा कार्यकर्ताओं को खुद ही दे सकेंगे।
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