गोंडा :राजकीय रेलवे पुलिस की मदद गैर प्रांत की मां को मिला उसका इकलौता बेटा मिल गया। चौकी इंचार्ज की एक सप्ताह की मेहनत से युवक के प्रांत उडीसा की पुलिस व उसके परिजन सोमवार की शाम उडीसा के लिए युवक अमीन माझी को लेकर रवाना हुए।
मिली जानकारी के अनुसार एक सप्ताह पहले मोती गंज रेलवे स्टेशन पर जीआरपी चौकी मनकापुर प्रभारी अखिलेश कुमार मिश्र को एक 28 वर्षीय युवक मिला जो स्टेशन पर भूखा घूम रहा था। प्रभारी ने दरियादिली दिखाते हुए उसे खाना खिलवाया, स्नान करवाया तथा गंदे कपडे उतारवा कर नये कपडे खरीद कर दिये। ठंड से बचाव के लिए एक कम्बल खरीद दिया। कई दिनों से भूखा रहने के कारण वह कुछ बोल नहीं रहा था। चौकी इंचार्ज उसे खाना खिलाने के बाद उससे नाम पूछने लगे तो अपनी भाषा में कुछ बताया। मोतीगंज में स्थिति एक लोकबाडी केन्द्र पर ले जाकर थम्प की मदद भी ली गयी। करीब 06 घंटे बाद गूगल की मदद से उसके प्रांत एवं जिला तथा थाना का पता चल गया। एकहसप्ताह से अर्थात 07 दिसम्बर से लगातार प्रयास के बाद उसके परिजनों का पता चल सका। उडीसा पुलिस से जब यूपी पुलिस के एस आई अखिलेश कुमार मिश्र ने वार्ता किया तो पता चला कि बहुत ही दुर्गम जगह पर उसका घर है। अथक प्रयास के बाद पता चला कि युवक का नाम अमीन माझी पुत्र पालसू माझी 28 वर्ष निवासी ग्राम- चनापोकल थाना-टिकिरी जनपद-रायगढ(उडीसा) का पता दस्दीक किया गया। यूपी पुलिस की सूचना पर उडीसा पुलिस ने बताया कि यह युवक गांव के तीन युवको के साथ रोजगार के सिलसिले में घर से 22 माह पहले निकला था। कुछ दिन बाद दो तिपू व अंनद वापस चले गये। इसका कही अता पता नही चला। काफी खोजबीन के बाद परिजनों ने उडीसा के टिकिरी थाना में 0-12-2019 को गुमशुदी दर्ज कराया। वही परिजन मृतक समझकर अंतिम संस्कार भी कर चुके थे। पिता पालसू, मां हिताया, बीबी हितई व बेटा सौरभ माझी,सुभाष माझी का रो रो कर बुरा हाल था। सोमवार को उडीसा पुलिस के दो जवान का0 315 कैलाश कौशल्या,का0 178 शंशाक शेखर सवर तथा वहां के सरपंच / मामा सकरोडा आये। चौकी इंचार्ज अखिलेश कुमार मिश्र ने बताया कि अपने उच्चाधिकारियों को सूचित करने के बाद युवक को उडीसा पुलिस व उसके परिजनों के सुपर्द कर दिया। परिजन जाते जाते एस आई अखिलेश कुमार मिश्र,हे0 का0 राजाराम यादव,का0 सुरेन्द्र कुमार,का0 आशुतोष पान्डेय, का0 शैलेश यादव की सराहना करते हुए भावुक होकर चल दिये। चौकी इंचार्च व राजकीय रेलवे पुलिस की इस सराहनीय कार्य की जितनी प्रसंशा की जाये वह कम ही है।
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