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BALRAMPUR...श्रमिक संगठनों की दहाड़ से झुका प्रशासन



अखिलेश्वर तिवारी

जनपद बलरामपुर के साथ-साथ पूरे प्रदेश में 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों के आवाहन पर गुरुवार को चीनी उद्योग सहित अन्य कई उद्योगों में पूरी तरह से काम बंद करके हड़ताल की घोषणा के बाद उत्तर प्रदेश प्रशासन सकते में आ गया है। श्रमिक संगठनों की एकजुटता को भांपते हुए श्रम आयुक्त ने त्रिपक्षीय कमेटी गठित करते हुए 4 दिसंबर को पूर्वान्ह 11 बजे से श्रम आयुक्त कार्यालय में त्रिपक्षीय समिति की बैठक भी बुला ली है । शासन के इस निर्णय के बाद श्रमिक संगठनों ने नरम रुख अख्तियार करते हुए बलरामपुर चीनी मिल के सभागार में कोरोना गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए सांकेतिक मीटिंग की, जिसमें सभी कर्मचारियों को शासन की कार्यवाही से अवगत कराया ।


जानकारी के अनुसार कारखाना में कार्यरत मजदूरों के माली हालत काफी दयनीय है । विगत 4 दशकों से वेतन पुनरीक्षण नहीं किया गया है जिसके कारण कर्मचारी काफी आर्थिक कमजोर होते जा रहे हैं । केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने संयुक्त रूप से श्रमिकों के वेतन पुनरीक्षण की मांग सहित अन्य कई समस्याओं को लेकर 26 नवंबर को प्रदेश व्यापी हड़ताल की घोषणा की थी ।श्रमिक संगठनों की एकजुटता को देखते हुए प्रशासन दबाव में आया और उसने आनन-फानन में त्रिपक्षीय समिति गठित करते हुए 4 दिसंबर को बैठक भी बुला ली है । बलरामपुर चीनी मिल सभागार में भारतीय मजदूर संघ के प्रतिनिधि सुभाष पांडे की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई, जिसमें शासन की निर्णय से सबको अवगत कराया गया । बैठक में मिल के अधिशासी अध्यक्ष प्रवीण कुमार गुप्ता व महाप्रबंधक विधि एवं कार्मिक राजीव अग्रवाल के साथ सम्मिलित हुए । संघर्ष समिति द्वारा अधिशासी अध्यक्ष को एक मांग पत्र भी श्रमिक संगठनों द्वारा दिया गया । अपने संबोधन में अधिशाषी अध्यक्ष श्री गुप्ता ने कहा कि यह मांग सरकार से है । मिल द्वारा श्रमिकों के हित के सभी कार्य बराबर किए जा रहे हैं । सरकार जो निर्णय लेगी उसे कारखाना मैनेजमेंट मानने के लिए तैयार है । उन्होंने यह भी कहा कि श्रमिकों की वेतन को लेकर कारखाना मालिकों में बातचीत चल रही है । त्रिपक्षीय समित का जो भी निर्णय होगा उसके हिसाब से कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी । उन्होंने श्रमिकों से अपील किया कि प्रदेश में कोरोना की गति फिर तेजी से बढ़ने लगी है। अभी वैक्सीन भी उपलब्ध नहीं हो सकती, ऐसे में बचाव ही हम सब के हाथ में है । इसलिए जरूरी है कि सभी लोग मास्क पहनकर ही कारखाने में आएं, एक दूसरे से दूरी बनाते हुए अपने कार्यों को पूरी मेहनत और लगन से संपादित करें । मिल के वृद्धि से ही सभी का भला निहित है । चीनी मिल के महाप्रबंधक विधि एवं कार्मिक राजीव अग्रवाल ने भी श्रमिकों की माली हालत को स्वीकार किया और कहा कि एक समय था जब रेलवे और बिजली विभाग सहित तमाम विभागों के वेतन चीनी मिल के कामगारों के वेतन से कम था । लोग अन्य विभागों की सरकारी नौकरी छोड़कर चीनी मिल में नौकरी करने आते थे । आज हालात बिल्कुल उल्टा हो गया है ।आज चीनी मिलों में कोई सर्विस करना ही नहीं चाह रहा है। शासन को कर्मचारियों के भविष्य की ओर ध्यान देने की भी जरूरत है । उन्होंने कोविड नियमों का पालन करते हुए पूरी लगन से काम करने की अपील की । उन्होंने कहा कि जब तक चिमनी में धुआ है, तभी तक हम सभी सुरक्षित व खुशहाल रह सकते हैं । मीटिंग में कामरेड कल्लू सिंह चौहान ने श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए सभी को एकजुट होने का आवाहन किया। बैठक के दौरान श्रमिक प्रतिनिधि बैरिस्टर सिंह, सुधांशु प्रताप सिंह, मंगल प्रसाद शर्मा, संजय तिवारी, नरेंद्र मिश्रा व अशोक कुमार सहित कई अन्य श्रमिक प्रतिनिधि तथा श्रमिक मौजूद थे । बैठक पूरी तरह से कोविड नियमों का अनुपालन करते हुए संपन्न कराया गया । साथ ही सभी से नियमों के पालन करते रहना का अनुरोध किया गया । मंच का सफल संचालन संजय कुमार पांडे द्वारा किया गया ।

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