शिवेश शुक्ला
प्रतापगढ़। ब्रह्मदेव साहित्य समाज के तत्वधान में निवर्तमान अध्यक्ष प्रेम कुमार त्रिपाठी के आवास पर स्वाधीनता की अलख जगाने वाले प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं अमर शहीद मंगल पांडेय का जयंती लॉक डाउन व फिजिकल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए मनाया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी पंडित रामचंद्र उपाध्याय तथा संचालन धीरेंद्र शुक्ला ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ अमर शहीद बलिदानी मंगल पांडेय की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित करते हुए माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर किया गया। इस अवसर पर ब्रह्मदेव समाज के कार्यवाहक प्रभारी पंडित परमानंद मिश्र ने अमर शहीद को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि मंगल पांडेय द्वारा सन् 1857 में जलाई गई आजादी की चिंगारी के परिणाम स्वरूप हम 90 वर्ष बाद सन 1947 में आजाद हो गए सके। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पंडित रामचंद्र उपाध्याय ने कहा कि मंगल पांडेय जैसे सच्चे सपूत के बलिदान के विषय में भावी पीढ़ी को बताया जाना चाहिए। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए पंडित शिवेश शुक्ल द्वारा अमर शहीद मंगल पांडेय को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए पढ़ा कि- लिखूं छावनी बैरकपुर की, जब मंगल पांडेय बोले थे । आंखों में भड़की चिंगारी ,मन में धधके जो शोले थे। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए प्रेम कुमार त्रिपाठी प्रेम ने पढ़ा कि -वीर शहीदों की यादों में अपना शीश झुका देना दर्शन मिल जाए इनका तो माला फूल चढ़ा देना इसी के साथ ही कार्यक्रम के अंत में नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए ब्रह्मदेव महिला समाज की सदस्य श्रीमती माया त्रिपाठी द्वारा समाज सेविका क्षमा शुक्ला को कवयित्री सुश्री ज्योति त्रिपाठी द्वारा शहीदों पर लिखित पुस्तक पलकों में आकाश एंव अंगवस्त्रम प्रदान कर सम्मानित किया गया । कार्यक्रम में प्रमुख रूप से संजय पांडेय ,लीलावती उपाध्याय ,विनय शुक्ला, राजेश ,संतोष ,शिवकुमार सहित अन्य लोगों ने अमर शहीद मंगल पांडेय को याद कर उन्हें पुष्प अर्पित किए। अंत में आगंतुकों के प्रति संजय पांडेय ने आभार प्रदर्शन व्यक्त किया।
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