कृष्ण मोहन
गोण्डा:प्रदेश सरकार भले ही गरीबों को पीएम आवास दिलाकर लाभान्वित करने का दावा कर रही हो लेकिन अभी भी बहुत से गरीब परिवार इस योजना से वंचित है और बरसात के महीने में पुराने मकानों में रहने को मजबूर हैं। बारिश से बचने के लिए इन परिवारों को पालीथिन का सहारा लेना पड़ रहा है।जिससे सरकारी महकमे द्वारा जारी किए गए सारे दावे बेमानी साबित हो रहे हैं|
मनकापुर विकास क्षेत्र के गुनौरा गांव निवासी हरीराम पुत्र स्वर्गीय नीबर आज भी आवास से वंचित है। नीबर का फूस का घर 3 वर्ष पहले गिर गया था तब से वह फूस व पन्नी डाल कर जीवन यापन कर रहा है।
छत के नाम पर डाला गया फूस भी सड़ गया है, जिससे थोड़ी सी बारिश के बाद घर में चारों तरफ पानी टपकने लगता है। इस दौरान घर में रखे सामान भी भीग जाते हैं। नीबर ने बताया कि वह गरीब व मजदूर किस्म का आदमी है। खेती के नाम पर महज 15 बिस्वा जमीन है, जिससे गुजारा हो ना तो संभव ही नहीं है घर कैसे बना पाएगा,देश के प्रधानमंत्री मोदी जी के बनने के बाद मेरा अपना भी एक पक्का मकान होगा, इसकी आस जगी थी,लेकिन अब वह उम्मीद भी टूट गई है| कई बार ग्राम प्रधान से आवास की मांग की गई लेकिन आज तक आवास नहीं मिला है। नीबर का कहना है कि गांव में पात्रों का सर्वे हुआ था जिसमें मेरा नाम नहीं भेजा गया फिर मेरे द्वारा ऑनलाइन आवेदन किया गया फिर भी मुझे आवास का लाभ नही मिला है।
छत के नाम पर डाला गया फूस भी सड़ गया है, जिससे थोड़ी सी बारिश के बाद घर में चारों तरफ पानी टपकने लगता है। इस दौरान घर में रखे सामान भी भीग जाते हैं। नीबर ने बताया कि वह गरीब व मजदूर किस्म का आदमी है। खेती के नाम पर महज 15 बिस्वा जमीन है, जिससे गुजारा हो ना तो संभव ही नहीं है घर कैसे बना पाएगा,देश के प्रधानमंत्री मोदी जी के बनने के बाद मेरा अपना भी एक पक्का मकान होगा, इसकी आस जगी थी,लेकिन अब वह उम्मीद भी टूट गई है| कई बार ग्राम प्रधान से आवास की मांग की गई लेकिन आज तक आवास नहीं मिला है। नीबर का कहना है कि गांव में पात्रों का सर्वे हुआ था जिसमें मेरा नाम नहीं भेजा गया फिर मेरे द्वारा ऑनलाइन आवेदन किया गया फिर भी मुझे आवास का लाभ नही मिला है।
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