कर्नलगंज/गोंडा।। जिले के क्षेत्र कर्नलगंज मे विभिन्न प्रदेशों व जिलों से होते हुए क्ई किलोमीटर लम्बे झुंड में पहुंचे टिड्डियों ने क्षेत्र की हजारों एकड़ फसलों और पेड़ पौधों को सफाचट करते हुए तबाह कर कहर बरपाया। काफी लंबे झुंड मे पहुंचे टिड्डियों को किसानों ने भगाने के लिए थाली,टीन व ढोल बजाना शुरु किया तो किसी ने धुआं सुलगाकर तो किसी ने गोला पटाखा दगाया और टिड्डियों के काफी मचाये गये आतंक के चलते हजारों किसानों की फसले़ं नष्ट हु्ई और उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पडा़। परन्तु बीते कई दिनों पहले से जिले मे टिड्डियोंं के पहुंचने की पूर्व सूचना कृषि विभाग एंव प्रशासनिक अधिकारियों के संज्ञान में होने के बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा गंभीरता से ना लेकर अनदेखी कर उक्त टिड्डियों के आतंक से बचाव और किसानों की फसलों,पेड़ पौधों की सुरक्षा संबंधी पहले से ठोस प्रबंध, दवाओं के छिड़काव और टिड्डियों को भगाने हेतु कोई पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था आवश्यक उपकरणों का प्रबंध ना कर अनदेखी करने से हजारों किसानों को काफी नुकसान के साथ ही टिड्डियों के कहर को झेलना पड़ा वहीं जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी जानबूझकर बेपरवाह होकर अंजान बने रहे।
मालूम हो आज सोमवार सुबह करीब साढ़े सात बजे टिड्डियों का काफी लंबा झुंड कर्नलगंज कस्बे के आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवेश हुआ। जो रास्ते में पड़ने वाले किसानों के खेतों में लगी हरी भरी फसलों व पेड़ पौधों की पत्तियों को सफाचट करते हुए पूरे क्षेत्र में धुंध की तरह फैल गईं। जिसे देखते ही किसानों के होश उड़ गए और हक्का बक्का होकर आनन फानन में अपने अपने खेतों में छोटे छोटे बच्चों,महिलाओं,परिवार सहित पहुंचकर कोई थाली बजाकर कोई टीन बजाकर और कोई धुंआ कर ,गोले पटाखे दागकर शोर कर टिड्डियों को भगाने की कोशिश में जुट गये।तो कोई धुएं को सुलगाकर उन्हें भगाने की कोशिश में जुटे थे।ग्रामीणों का कहना है कि लाखों- करोंडो़ की टिड्डियों का झुंड तहसील क्षेत्र कर्नलगंज के गांवो में दाखिल हो चुका है।जिसने कस्बे व ग्राम कर्नलगंजग्रामीण,सकरौरा, कुम्हरगढीं, करूवा,कादीपुर सहित तमाम गांवों में टिड्डियों के झुंड ने जमकर उत्पात मचाया और खेतों में लगी फसलें चट करते हुऐ जिन पेड़ों पर टिड्डियों का झुंड बैठ गया उन पेड़ पौधों की पत्तियों को काटकर नीचे गिरा दिया और घंटो उत्पात कर फसलों को पूरी तरह से चौपट करते हुए आगे बढ़ा।इन टिड्डियों का झुंड पेड़ों पर या बगीचे में जहां भी बैठा उनकी संख्या और वजन इतना अधिक है कि पेड़ और डाल झुक गई। देखते ही देखते फसलों और पेंड़ पौधों की पत्तियों को सफाचट करते हुए टिड्डी दल आगे बढ़ता गया।
टिड्डियों के आने की सूचना जिम्मेदार लोगों को दिये जाने पर बताया गया कि ढोल,थाली बजाओ,धुआं सुलगाओ इससे टिड्डी भाग जायेंगे।लेकिन मौके पर ना तो दवा के छिड़काव की व्यवस्था कराई गई न ही कोई अधिकारी कर्मचारी मौके पर पहुंचा। टिड्डियों ने क्षेत्र के अनेकों ग्राम पंचायतों व आसपास के तमाम मजरों में हजारों बीघों में लगी फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया।इसके पश्चात उक्त करोंडो़ की संख्या में टिड्डियों का भारी झुंड उत्पात मचाते हुऐ फसलों को नष्ट करता हुआ दूसरे क्षेत्रों की ओर बढ़ गया।
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