जनपद बलरामपुर जिला मुख्यालय स्थित ओम भवन पर आर्य वीर दल द्वारा 30 दिवसीय गौ रक्षा महायज्ञ का आयोजन किया गया । महायज्ञ का समापन शुक्रवार को पांच कुंडीय यज्ञ के साथ किया हुआ।
आर्य वीर दल के संयोजक आर्य अशोक तिवारी ने बताया कि जिला मुख्यालय के खलवा मोहल्ला स्थित ओम भवन पर १०१ दिवसीय राष्ट्र रक्षा महायज्ञ की पूर्णाहुति के बाद ३० दिवसीय गौ रक्षा महायज्ञ का आयोजन किया गया । पांच कुंडीय यज्ञ से जिसकी पूर्णाहुति की गई-सोशल डिस्टेंस को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक कुंड पर केवल एक - एक यजमान हरिकांत मिश्र एडवोकेट ,मयंक सिंह ,वृंदा त्रिपाठी , महेंद्र त्रिपाठी तथा यज्ञ आचार्य अशोक आर्य स्वयं बैठे । यज्ञ आचार्य ने अपने उद्बोधन में बताया कि बंगाल के मुस्लिम बहुल्य इलाको में संविधान और सर्वोच्च न्यायालय की इज्जत सरेआम नीलाम हो रही है । घरों के बाहर हजारों नहीं लाखों गोधन बकरीद पर कटने के लिए बेबस बंधा हुआ है। छोटे छोटे गायों के बाजार लगे हैं, जहाँ खुलेआम बकरीद पर कुर्बानी के लिए खरीद चल रही है। चौबीसों घंटे गायों को घसीटते हुए ले जाते हैं। इसी तरह उत्तर प्रदेश सहित अन्य प्रांतों में भी बकरीद पर गोवंश की कुर्बानी होती रही है। उन्होंने बताया कि संविधान के अनुच्छेद ४८ और ५१ में दूध देने और भार ढोने वाले पशुओं की रक्षा करने का सरकार को निर्देश दिया गया है। स्व. केदार नाथ ब्रह्मचारी ने १९७२ से १९८३ तक लगातार १२ वर्ष कोलकाता हाई कोर्ट में पैरवी की । लंबी लड़ाई के बाद उन्हें कोलकाता हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला मिला कि गाय की कुर्बानी मुसलमानों के लिए आवश्यक धार्मिक कार्य नहीं है, बल्कि वैकल्पिक धार्मिक आवश्यकता है। कोर्ट ने निर्देश दिया कि बंगाल सरकार बकरीद पर गोवंश की कुर्बानी की इजाजत नहीं दे सकती है। अर्थात बकरीद पर गोवंश की कुर्बानी गैरकानूनी है। बंगाल सरकार ने कोलकाता हाई कोर्ट के आदेश के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में १९८४ में अपील की। संत श्रेष्ठ केदारनाथ ने वहां भी १0 वर्षों तक केस लड़ा। १६नवंबर १९९४ को सर्वोच्च न्यायालय ने कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश का अनुमोदन किया और उसमें यह भी लिखा कि अनेक मुगल बादशाहों ने बकरीद सहित साल के ३६५ दिनों में भी गोवध पर प्रतिबंध लगाया । न्यायालय ने माना कि मुसलमानों का गाय की कुर्बानी करने का दुराग्रह अनुचित है। देश में गौ बध पर पूर्ण प्रतिबंध लगवाने के लिए आर्य वीर दल ने कई बार देशव्यापी बड़ा आंदोलन किया है, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए देवीपाटन परिमंडल कार्यालय ओम भवन बलरामपुर को केंद्र बनाकर ३० दिवसीय गौ रक्षा महायज्ञ का शुभारंभ किया गया । देश -विदेश के गौ भक्तों से व्हाट्सएप फेसबुक के माध्यम से समर्थन मांगा गया। एक माह तक हस्ताक्षर अभियान चला, जिसमें सक्रिय भूमिका निभाते हुए बलरामपुर से पूर्व कमिश्नर उत्सव आनंद मिश्रा, सेतुबंध त्रिपाठी, अरुण कुमार शुक्ला, डॉ.आर.के. त्रिपाठी, शेषनाथ गोस्वामी, सत्य प्रकाश शुक्ला, अजय कुमार मिश्रा, सुखदेव आर्य, अंशुमान सिंह, अवधेश पांडे, अखिलेश उपाध्याय, डॉक्टर दिनेश मिश्रा, बाराबंकी से पं.सुरेश जोशी, वाराणसी से सुशीलआर्य, बहराइच से आर्य कुमार लक्ष्मण वा करण आर्य , गोंडा से विनोद आर्य, श्रावस्ती से श्रीदेवी आर्या, लखनऊ से राज किशोर सिंह , दिल्ली से दिनेश विद्यार्थी तथा संतोष आर्या, अमेठी से सुरेंद्र शुक्ला, बिहार प्रांत के संतोष आर्य, बांग्लादेश से सुभाष चंद्र आर्य , सूरीनाम से संतोषी प्रसाद आर्य, मारीशस से लेखराज आर्य तथा युगांडा से आनंद कुमार आर्य ने अथक परिश्रम करके ६३२६४ गौ भक्तों का समर्थन ओम भवन बलरामपुर को प्राप्त कराया ।उन्होंने बताया कि इसी संदर्भ में मांग पत्र भी शासन को भेजा गया है । मांग पत्र के साथ ही प्राप्त सभी समर्थन पत्रो को संलग्न करके भारत सरकार तथा उत्तर प्रदेश सरकार को भेजते हुए मांग किया गया है कि भारतीय संविधान और माननीय न्यायालय के अनुपालन में बकरीद सहित वर्ष के ३६५ दिनों में देश के सभी भूभाग में गौ वध पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए ।
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