वासुदेव यादव
अयोध्या। सिद्धपीठ बड़ा स्थान राजा दशरथ महल मन्दिर के पूर्व आचार्य स्वामी रामप्रसादाचार्य जी महाराज की जयंती पर मंदिर के महंत बिंदुगदाचार्य स्वामी देवेंद्र प्रसादाचार्य जी ने उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उनको नमन व याद किया। इसके साथ ही उनको एक सिद्ध अवतारी संत बताया कहा कि वे साधुता निर्मलता व सादगी के प्रतीक रहे। उन्होंने मंदिर के विकास में अहम रोल अदा किया। वे धार्मिक विद्वान के साथ ही भक्तों व शिष्यों का कल्याण किए। उन्हें बिंदु संप्रदाय का संस्थापक माना जाता है। माता किशोरी जी ने उनके मस्तक पर तिलक लगाकर उन्हें अपना आशीर्वाद प्रदान किया था। इस दौरान विराट भंडारे का भी आयोजन हुआ। जिसमें मंदिर से जुड़े शिष्ट भक्तगण अयोध्या के प्रमुख संत महंत आदि शामिल रहे। इस दौरान मणिराम दास छावनी के महन्त नृत्य गोपल दास, महन्त गोपाल दास, श्रीधर दास, महाराज जानकी घाट बड़ा स्थान के महंत जनमेजय शरण, महंत सुरेश दास, महंत नागा राम लखन दास, महंत कन्हैया दास रामायणी, महंत रामशरण दास, महंत राम केवल दास, महंत उत्तम दास, महंत रामदास, अधिकारी राजकुमारदास, महंत बृजमोहनदास, अयोध्या जनपद के सुप्रसिद्ध गायक चिंटू सागर जी, भजन गायक देवेंद्र पाठक जी, यमबी दास, जगद्गुरु डॉ. राघवाचार्य, जगद्गुरु रामदिनेशाचार्य जी महाराज, महन्त राममिलनदास, महंत शशिकांतदास, पुजारी रमेशदास, पहलवान घनश्यामदास, शिवपूजन सिंह, रामजीदास सहित अन्य शामिल रहे।
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