■ सामान्य हो रहा है वीएचएनडी का माहौल, महिलाओं को बांटे गए गर्भनिरोधक
■ बिना मुंह बांधे और हाथ धोए महिलाओं को नहीं दिया गया केंद्र के अन्दर प्रवेश
आलोक बर्नवाल
संतकबीरनगर। कोरोना के चलते करीब दो माह स्थगित रहने के बाद शुरु हुए ग्राम स्वास्थ्य पोषण दिवस (बीएचएनडी) सत्रों का माहौल अब सामान्य स्थिति में पहुँच रहा है | गर्भवती व बच्चों की आवाजाही सामान्य हो गई है । इस दौरान कोविड-19 से बचने के लिए जरुरी उपायों का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है । मुंह पर मास्क लगाने तथा हाथ धोने के बाद ही लाभार्थियों को केन्द्र पर प्रवेश मिल रहा है ।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ हरगोविन्द सिंह ने बताया कि जिले में वीएचएनडी के दौरान हाट स्पाट को छोड़कर सभी केन्द्रों पर कोविड प्रोटोकाल को ध्यान में रखते हुए महिलाओं और बच्चों का टीकाकरण व अन्य चिकित्सकीय कार्य सम्पादित किए गए । कोरोना के चलते वीएचएनडी के स्थगन के बाद यह आठवां दिवस था। जिले के 218 केन्द्रों पर आयोजित होने वाले इस बीएचएनडी सत्र को लेकर महिलाओं के बीच अब जागरुकता आई है। पूर्व में ही निर्देश जारी कर दिया गया है कि केंद्र पर तैनात फ्रंट लाइन वर्कर यानि आशा, आंगनबाड़ी और एएनएम को मास्क और ग्लब्स पहनना अनिवार्य है । एएनएम सोनम बताती हैं कि उपकेंद्रों और आंगनबाडी केंद्रों में आने वाले लाभार्थियों को भी इस बात की हिदायत दी गई है कि चेहरे पर मास्क या फिर कपडा बांधकर ही टीकाकरण के लिये पहुंचे। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एस रहमान के साथ ही उत्तर प्रदेश तकनीकी सहयोग इकाई ( यूपीटीएसयू ) के स्थानीय प्रतिनिधियों ने भी केन्द्रों पर जाकर वहां पर कोविड प्रोटोकाल का पालन सुनिश्चित कराया। हर केन्द्र पर महिलाओं के लिए गोल घेरे बनाये गए थे , पानी और साबुन से हाथ धुलने की व्यवस्था भी की गई थी। विशेष बात यह रही कि महिलाओं को गर्भनिरोधक इंजेक्शन भी लगे व गोलियां भी सत्र के दौरान प्रदान की
यह रखी गई सत्र के दौरान सावधानी
· सोशल डिस्टेंसिंग के लिए गोल घेरे बनाए गए थे
· हाथ धुलकर सेनेटाइज करने के बाद ही महिलाओं को अन्दर भेजें।
· बिना मास्क लगाए किसी महिला का केन्द्र पर प्रवेश नहीं होगा।
· टाइम स्लाट बनाकर लाभार्थियों को केन्द्र पर बुलाया जाय।
· आशा, एएनएम आदि मास्क के साथ ही हाथों में ग्लब्स भी लगाएं।
पूर्व में 199 सत्रों का हुआ आयोजन
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एस रहमान ने बताया कि स्थगन के बाद पहली बार 199 सत्र आयोजित किए गए थे, जिसमें 1209 गर्भवती महिलाओं तथा 2453 बच्चों को विभिन्न बीमारी रोधी टीके लगाए गए थे। अब यह आंकड़ा धीरे धीरे बढ़ रहा है। अगले वीएचएनडी तक स्थितियां सामान्य हो जाएंगी, लेकिन कोविड प्रोटोकाल का अनुपालन अनिवार्य रहेगा।
क्या होता है वीएचएनडी?
वीएचएनडी का आयोजन सप्ताह में दो बार बुधवार और शनिवार को को स्वास्थ्य उपकेन्द्रों और आंगनबाडी केन्द्रों में किया जाता है। एएनएम, आशा व आंगनबाडी कार्यकर्ताओं की भागीदारी से आयोजित होने वाले इस सत्र में गर्भवती महिलाओं और बच्चों को टीके लगाकर प्रतिरक्षित किया जाता है।
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