शिवेश शुक्ला
प्रतापगढ । जेष्ठ शुक्ल त्रयोदशी को छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक हुआ था । इस दिन को हिंदू साम्राज्य दिनोत्सव के रूप में मनाया जाता है । यह बाते राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र शारीरिक शिक्षण प्रमुख ,गजेंद्र सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रतापगढ़ के फेसबुक पेज केशव सेवा संस्थान पर लाइव के माध्यम से कार्यकर्ताओं और समाज के बंधुओं को संबोधित करते हुए कहा। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज राष्ट्र के गौरव थे । शिवाजी महाराज की शासन नीति अद्भुत थी उनके राज्य में सभी का आदर होता था । उनके राज्य में महिलाओं का पूर्ण सम्मान होता था । शिवाजी का सूचना तंत्र बहुत ही व्यापक और सुदृढ़ था एक बार बुंदेलखंड से वीर छत्रसाल ,छत्रपति शिवाजी महाराज से मिलने के लिए चले और जब वह शिवाजी महाराज के शिविर में पहुंचे तो शिवाजी ने उन्हें कहा आओ छत्रसाल वीर छत्रसाल को यह सुनकर बड़ा आश्चर्य हुआ । उन्होंने पूछा शिवाजी मैंने तो अपना परिचय नहीं बताया फिर आपने यह कैसे जान लिया कि मै छत्रसाल हूँ ,तो शिवाजी ने कहा कि मेरे राज्य में सूचना का तंत्र इस प्रकार का है कि राज्य की सीमा में प्रवेश करने के पश्चात प्रत्येक गतिविधि की सूचना मुझ तक पहुंच जाती है । प्रत्येक दिन में राज्य की सीमा के अंदर जो कुछ भी घटनाक्रम घटित होता है उसकी सूचना एक गांव से दूसरे गांव होते हुए सायं काल तक मुझ तक पहुंच जाती है । यह अपने आप में एक सजग शासन तंत्र और व्यवस्था का जीवंत उदाहरण है । छोटी सी सेना को लेकर जिस प्रकार की युद्ध नीति और कौशल के द्वारा हिंदू समाज के स्वाभिमान की रक्षा की थी, वह अविस्मरणीय है । हम सभी के लिए शिवाजी प्रेरणा पुंज हैं । आज आवश्यकता है कि देश का प्रत्येक युवा स्वयं शिवाजी के जीवन से प्रेरणा लेकर राष्ट्र की रक्षा का संकल्प लें ।जिला कार्यवाह डॉ सौरभ पांडेय ने बताया की शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक उत्सव जिसे हम हिंदू साम्राज्य दिनोत्सव के रूप में मनाते हैं को 28 मई से 4 जून तक हिंदू साम्राज्य दिनोत्सव सप्ताह के रूप में मनाया गया । इस अवसर पर समाज के बंधुओं के साथ साथ रमेश चंद्र त्रिपाठी ,चिंतामणि दुबे, विभाग प्रचारक नितिन ,हरीश कुमार ,कार्तिकेय द्विवेदी मनीष सिंह, गिरिजा शंकर मिश्र, डॉक्टर अखिलेश पांडेय, प्रभा शंकर पांडेय, अखिलेश ,दिनेश अग्रहरि, मुरलीधर केशरवानी, नितेश खंडेलवा, जय शंकर सोनी , हेमंत मिश्रा, हीरेंद्र सिंह, रघुवीर प्रसाद उपाध्याय, ओम प्रकाश श्रीवास्तव, डॉ अजीत सिंह, रामचंद्र, रामानंद प्रजापति ,शिव कुमार सोनी ,राज नारायण सिंह, अंकुर श्रीवास्तव, डॉ रंगनाथ शुक्ला ,सत्येंद्र मृदुल आदि अनेकों कार्यकर्ताओं ने उद्बोधन को सुनकर शिवाजी के जीवन से प्रेरणा प्राप्त की ।
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