■ लाभार्थी महिला को बताये जा रहे हैं पोषण के जरूरी टिप्स
आलोक बर्नवाल
संतकबीरनगर। कोरोना संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन के दौरान गर्भवती के पोषण का खयाल रखने के लिए महिला एवं बाल कल्याण विभाग के द्वारा गर्भवती को ग्रुप वीडियो कॉल के जरिए पोषण की जानकारी दी जा रही है। इसके जरिए प्रतिदिन 28 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर महिलाओं को विविध जानकारियां प्रदान की जा रही हैं। लॉकडाउन में लाभार्थियों तक सूचनाओं का प्रवाह सामान्य ढंग से हो, इसके लिए यह व्यवस्था की गई है।
उत्तर प्रदेश तकनीकी सहयोग इकाई ( यूपीटीएसयू ) ने लाभार्थियों तक पोषण की सूचनाओं के निरन्तर प्रवाह को बनाये रखने तथा लाभार्थियों को उचित पोषण देने की दिशा में विविध प्रयोग किया है। इन्हीं प्रयोगों के तहत ग्रुप वीडियो कॉलिंग के जरिए गर्भवती को पोषण की जानकारी दी जा रही है। इस सुविधा के अन्तर्गत जिले में तैनात 14 पोषण सखी प्रतिदिन दो आंगनबाड़ी केन्द्रों पर ग्रुप वीडियो कॉलिंग करती हैं। इसके जरिए पोषण सखी आंगनबाडी सुपरवाइजर/ बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) , आँगनबाड़ी कार्यकर्ता, लाभार्थी महिला के साथ खुद भी जुड़ती हैं । इसके बाद लाभार्थी महिला के पोषण के बारे में चर्चा की जाती है। गर्भवती से पहले उसके गर्भ का त्रैमास पूछा जाता है। इसके बाद उसे उपयोगी टिप्स, भोजन और कार्य व्यवहार तथा अन्य बातों के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है। इस प्रकार अभी तक 450 से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्रों पर महिलाओं को पोषण की जानकारी दी जा चुकी है। जिला कार्यक्रम अधिकारी विजयश्री ने बताया कि कि लॉकडाउन के दौरान लाभार्थियों को हर तरह से सुपोषित करने का प्रयास किया गया। घर घर जाकर पोषाहारों का वितरण फिजिकल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए किया गया है। आंगनबाड़ी सुपरवाइजर नीना श्रीवास्तव बताती हैं कि इसके जरिए महिलाओं से सीधे बात हो गई और उन्हें पोषण को लेकर उचित सलाह दी गई। यह काफी कारगर है, हम निरन्तर इसके जरिए महिलाओं के सम्पर्क में बने हुए हैं।
यह दी जा रही है सलाह
महिलाओं को यह सलाह दी जा रही है कि गर्भावस्था के दौरान वह किस तरह के भोजन लें जिससे उनको तथा गर्भस्थ शिशु को पोषण मिल सके। बच्चे के पैदा होने के एक घण्टे के अन्दर मॉस्क लगा कर सुरक्षित तरीके से उनको स्तनपान जरुर कराएं। छह महीने तक बच्चे को मां के दूध के अतिरिक्त कोई भी अन्य चीज न दें, यहां तक कि उसे पानी भी न पिलाएं। 6 माह के बाद बच्चे को मॉ के दूध के साथ ही उपरी आहार भी दें। साथ ही गर्भवती महिलाएं अपने भोजन में आयरनयुक्त सब्जियों का सेवन अवश्य करें। आयरन की गोलियां लेतीं रहें ताकि रक्त में हीमोग्लोबीन की मात्रा कम न हो।
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