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लॉकडाउन में संचालित दो अस्पताल को प्रशासन ने किया सीज


■ एक बच्चे के मृत होने के बाबत मिली सूचना पर हुई कार्यवाही
रिपोर्ट प्रशांत श्रीवास्तव
मेंहदावल,संतकबीरनगर। शासन के निर्देश के बाबत इस लॉक डाउन में वही अस्पताल संचालित हो रहे थे जिनका जिला स्वास्थ्य प्रशासन द्वारा अनुमति प्रदान किया गया था। फिर अवैध ढंग से अस्पताल संचालित करने का मामला मेंहदावल में उजागर हुआ है। जिसमे अनेको महिला मरीज भी भर्ती रहे और सिजेरियन ऑपरेशन भी किया गया था। जिससे इन अस्पतालों की कारगुजारियों का पता आमजन को हो पाया। बताते चलें कि बुधवार को सीएचसी मेंहदावल में अधीक्षक को श्यामबली पुत्र गोलई द्वारा प्रार्थना पत्र दिया गया जिसमें उनके द्वारा बताया गया कि बीते मंगलवार शाम को मेरी गर्भवती पुत्री सुनीता की डिलेवरी के लिए मेंहदावल सीएचसी पर ले जाया गया। जहां पर एक आशा बहु माया द्वारा बहलाफुसला कर मेंहदावल बिजली कॉलोनी के पास स्थित आसमां अस्पताल पर नार्मल डिलेवरी के लिए ले जाया गया। जहां पर गलत उपचार के कारण मेरी पुत्री की तबियत खराब हो गई। मेरे द्वारा पुत्री को भोर के 5 बजे मां शारदा अस्पताल लाया गया। जहां पर जांचोपरांत बच्चा मृत बताया गया और ऑपरेशन द्वारा मृत बच्चे की डेलिवरी हुई। जिसके बाद से परिजनो द्वारा आशमा अस्पताल के संचालक के खिलाफ कार्यवाही की मांग किया गया। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा शीघ्रता से घटना का संज्ञान लेकर जांच किया गया। जिसके बाद स्वास्थ्य प्रशासन से एडिशनल सीएमओ मोहन झा द्वारा तत्परता से मामले की निरीक्षण किया गया और पाया गया कि सरकार के लॉक डाउन के दौरान गाइडलाइंस के विपरीत इन अस्पताल द्वारा अवैध रूप से डेलीवरी करवाया गया जा रहा था। जिसमे सभी मानकों का भी अभाव बना हुआ था। आशमा अस्पताल के जांच में पाया गया कि यह अस्पताल अवैध रूप से संचालित इसके संचालक द्वारा किया जा रहा था। जिसके बाद तहसील प्रशासन व पुलिस प्रशासन की उपस्थिति में स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसे सील कर दिया गया। इसके बाद से लॉक डाउन में संचालित अवैध रूप से कार्यरत माँ शारदा अस्पताल पर भी जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा जांच किया गया। जहां पर देखा गया कि चार महिलाएं का उपचार किया जा रहा था। जिनमे सभी का डेलीवरी  किया गया था। एडिशनल सीएमओ व अधीक्षक अनिल चौधरी के द्वारा सभी भर्ती महिलाओं को मेंहदावल सीएचसी भेज दिया गया। जिनमे नीलम पत्नी महेश, वंदना पत्नी रविन्द्र, सुनीता पत्नी हनुमान एवं कमलावती पत्नी अर्जुन शामिल रही। इनमें से सुनीता से ही मृत बच्चे का डेलीवरी हुआ था। जिसके बाद से ही इन अवैध अस्पतालों का खुलासा हो पाया। जिसके बाद से स्वास्थ्य प्रशासन ने इस अस्पताल के कागजात को कब्जे में लेकर सील कर दिया गया। पुलिस प्रशासन से एसओ करुणाकर पांडेय द्वारा स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर मृत बच्चे पंचनामा करवाते हुए जिले पर पोस्टमार्टम हेतू भेजा गया। जिसके बाद से आगे की कार्यवाही पुलिस द्वारा पोस्टमार्टम रिपोर्ट व स्वास्थ्य विभाग के तहरीर पर किया जाएगा। इस जांच के दौरान नायब तहसीलदार वाचस्पति सिंह, एडिशनल सीएमओ मोहन झा, बाबू अयोध्या प्रसाद, मेंहदावल सीएचसी अधीक्षक अनिल चौधरी, एसओ करुणाकर पांडेय, सिपाही फखरुद्दीन, रामबहादुर यादव, विशाल सिंह आदि लोग उपस्थित रहे।

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