आलोक बर्नवाल
संतकबीरनगर। उत्तर प्रदेश की सरकार उघोगपतियों के हित में,श्रम कानून को 3 साल के लिए स्थगित कर मजदूरों को बंधुआ मजदूर बनाना चाहती है। सरकार का यह फैसला मजदूर और गरीब विरोधी है। योगी सरकार के द्वारा लाए गए अध्यादेश वापसी की मांग एवं लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यो से यूपी आ रहे जिन मजदूरो की हादसे मे मौत हुई उनके परिवार जनो को 50 लाख मुआवजा एवं घर के एक सदस्य को नौकरी की मांग हेतु आम आदमी पार्टी संतकबीरनगर के सभी पदाधिकारी, सक्रिय कार्यकर्ताओं ने ने सोमवार को अपने-अपने घरों पर एक दिन का उपवास रख कर एवं हाथो मे अपनी माँग को लेकर इस काले कानून का विरोध किया। आपको बताते चले कि आम आदमी पार्टी शुरू से ही मजदूरों के प्रति अपना कड़ा रुख अख्तियार कर उनको न्याय दिलाने के लिए संसद से सड़क तक प्रतिबद्धित रही है। आम आदमी पार्टी की अध्यक्ष नीलम यादव ने कहा कि मजदूरों की व्यथा देखकर दिल दहल उठता है, इनके लिए सिर्फ एक शब्द चरितार्थ होती है, "मजदूर या मजबूर" हमने कई सारे मजदूरों को प्रशासन की मदफ़ से उनके घर तक पहुँचवाया है। आम आदमी पार्टी के जिला मीडिया प्रभारी आलोक श्रीवास्तव ने कहा कि इस चिलचिलाती हुई धूप में सैकड़ो मिल पैदल चलकर मजदूर अपने घर को जाने को विवश हैं, उन्हें देखकर कलेजा रोने को आतुर हो जाता है। जिले के पूर्व संयोजक सौंम्येन्द्र प्रताप श्रीवास्तव व आशीष गुप्ता ने कहा कि हम सब प्रदेश-सरकार से यह मांग करते हैं कि उत्तर-प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा उद्योग मिलों को लगवाकर मजदूरों को बाहर जाने से रोका जा सके। जिला सचिव सूर्य प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार अपने बनाये काले कानून को वापस ले तथा ज्यादा से ज्यादा मजदूरों को रोजगार मुहैया कराए।
इस विरोध प्रदर्शन व उपवास के दौरान लॉकडाउन का पूर्णतया पालन किया गया तथा घर मे ही रहकर इस कार्यक्रम को प्रतिपादित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से रमेश चंद्र यादव, सूर्या त्रिपाठी, सौंम्येन्द्र प्रताप श्रीवास्तव, सुधीर सिंह, आलोक श्रीवास्तव, सुनील गुप्ता, राजेश चौधरी, श्रवण सिंह, मगलेश उपाध्याय, आफताब आलम खान, तीरथ गुप्ता, अमरपाल पांडेय, राधे श्याम यादव, आलोक कुमार इत्यादि लोगो ने उपवास रखा।
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