आलोक बर्नवाल
संतकबीरनगर। पूरे विश्व मे लॉक डाउन ने इबादतगाह पर भी लॉक जैसी स्थिति चल रही है। जिससे लोग अपने घरों में ही रहकर रोजे रखकर इबादत कर रहे है। इस बार भारत भी लॉक डाउन में सभी रोजेदार घर मे ही अल्लाह की इबादत कर रहे है। जिसमें सभी छोटे बड़े लोगो द्वारा बहुत ही शिद्दत से रोजा रखा जा रहा है। बड़े ही नही बच्चे भी रोजा रखकर इस कठिन इबादत के कार्य को कर रहे है। बताते चले कि मेहदावल विकास क्षेत्र के ग्राम पंचायत नन्दौर में भी 12 वर्षीय आरिश खान पुत्र नदीम अहमद द्वारा रोजा के समय अल्लाह का इबादत कर रहा है। यह रोजा इस बार भी भीषण गर्मी में होने से तमाम पालन करना कठिन रहता है। फिर भी रोजेदार इस कठिनता को अल्लाह की इबादत करते हुए बिताते है। इस समय पाक महीना रमजान का चल रहा है। हर उम्र और वर्ग के लोग अपने-अपने तरीके से अल्लाह की इबादत कर रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान शोसल डिस्टेंसिंग के नियमों को मानते हुए अल्लाह की इबादत की जा रही है। हर कोई उपर वाले से कोरोना वायरस के संक्रमण से दुनियां को बचाने को लेकर इबादत कर रहा है। इसीक्रम में प्रियजनों से प्रेरित होकर 12 साल की छोटी उम्र में रोजा रख कर रोजा के पूरे नियमों का पालन कर रहा है। रमजान के दौरान सेहरी और इफ्तार को लेकर भी नियमों का पालन कर रहा है। इस बाबत चाचा महबूब पठान द्वारा कहा गया कि यह रोजा अल्लाह की मर्जी सेप्रेरणा मिली है। वह पहली बार रोजा रख रहा है। हमलोगों को भी काफी अच्छा लग रहा है। अल्लाह उसकी दुआ जरूर कबूल करेंगे। देश मे महामारी को दूर कर विपदा को दूर करेंगे। अल्लाह पाक के द्वारा ही हमें यह रोजा रखने की ताकत मिलती है। चिलचिलाती धूप व गर्मी में रोजा रखना बेहद ही कठिन है। फिर अल्लाह के रहमोकरम से हमे यह इबादत करने में मदद मिलती है।
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