■ निर्विवाद और उपलब्धियों से परिपूर्ण रहा है 14 साल का सेवाकाल
■ मरीजों की सेवा को कभी समय चक्र में नहीं बांधा सुनीता भारती ने
आलोक बर्नवाल
संतकबीरनगर। मरीज चाहे अमीर हो या गरीब, किसी वर्ण या धर्म का हो, इस बात से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खलीलाबाद में तैनात नर्स सुनीता भारती को कभी कोई मतलब नहीं रहा। न ही समय की बाध्यता को ही वह मानती हैं। जिस तरह से उन्होने गर्भवती की सेवा की, उसी तरह से आज वह कोरोना पीडि़तों की सेवा में पूरी तन्मयता से जुटी हुई हैं। 14 साल के अपने निर्विवाद सेवाकाल में वह चिकित्साधिकारियों और मरीजों में भी लोकप्रिय हैं।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खलीलाबाद में वर्तमान में लेबर रुम की इंचार्ज सुनीता भारती ने अपने सेवाकाल के शुरुआती नौ साल जिला चिकित्सालय के जनरल वार्ड तथा आपरेशन थियेटर में बिताए। प्रशिक्षण के साथ ही नित नए अनुभवों तथा उनके अनुप्रयोग की प्रवृत्ति से उनके व्यावसायिक कौशल में काफी निखार आया। आपरेशन के समय चिकित्सकों की यही मांग रहती थी कि सर्जरी के समय में नर्स के रुप में सुनीता भारती ही ड्यूटी पर रहें। कारण यह था कि सुनीता को कभी यह बताना ही नहीं पड़ा कि करना क्या है। वह खुद ब खुद हर काम को करती रहती थीं। वर्ष 2015 में जिला चिकित्सालय के स्थानान्तरण के बाद उनहें सीएचसी खलीलाबाद के महिला लेबर रुम का इंचार्ज बना दिया गया। वहां पर भी उन्होने बेहतर कार्य किया। वर्ष 2018 में उन्हें 250 से अधिक गर्भनिरोधक पीपीआईयूसीडी (प्रसव पश्चात् लगाई जाने वाली कापर टी) लगाने पर जिला स्तर पर विशिष्ट सम्मान भी दिया गया। उनके निर्देशन में चल रहे लेबर रुम में अगर कोई महिला आ जाती है तो उसका वह हर संभव बिना आपरेशन प्रसव कराने की कोशिश करती हैं। महिला चिकित्सक डॉ रेनू यादव, डॉ विजय गुप्ता तथा डॉ शशि उनके कार्यों से बहुत ही प्रभावित हैं। यही नहीं सीएचसी के अधीक्षक डॉ वी पी पाण्डेय कहते हैं कि सुनीता भारती एक ऐसी स्टाफ हैं, जिनकी न तो कभी कोई शिकायत आई, न ही वह कभी तय समय के बाद आई। चाहें कैसी भी स्थिति हो, वह आती जरुर हैं। वर्तमान में उन्होने कोरोना के लिए बनाए गए कोविड – 19 एलवन हॉस्पिटल में जो काम किया है वह काबिले तारीफ है। वहीं मरीज स्तुति बताती हैं कि वे अस्पताल में जब भी आती हैं, सुनीता दीदी के द्वारा उनको बहुत ही स्नेह दिया जाता है। उनके साथ अपनापन लगता है, उन्हीं के कहने पर मैने पीपीआईयूसीडी भी लगवाया था। वह चिकित्सकीय ही नहीं सामाजिक व मनोवैज्ञानिक तरीके से मरीजों से जुड़ी रहती हैं।
त्वरित निर्णय लेने की क्षमता
तकरीबन 4 साल पहले की घटना को याद करते हुए वह बताती हैं कि एक महिला रात्रि में डिलिवरी के लिए पहुंची। उसकी डिलिवरी भी आनन फानन में हो गई। लेकिन जब उसका खून देखा तो मुझे शक हुआ कि हीमोग्लोबीन की कमी है। तुरन्त हीमोग्लोबीन जांचा तो पता चला कि केवल 4 प्वाइण्ट हीमोग्लोबीन है। इसके बाद उन्होंने उसे एम्बुलेन्स बुलाकर जिला अस्पताल के लिए नहीं, डायरेक्ट मेडिकल कालेज के लिए रेफर करवा दिया। वहां पहुंचकर महिला को ब्लड चढ़ा तथा दवाइयां दी गई, जिससे महिला बच गई। वह बताती हैं कि कायदन उसको जिला चिकित्सालय भेजना चाहिए था, लेकिन शिफ्टिंग में समय लगता और महिला की जान बचाई नहीं जा सकती थी। इसलिए यह त्वरित निर्णय लिया गया। आज दोनों बच्चे व महिला पूरी तरह से स्वस्थ हैं। मेरे कहने पर उसने नसबन्दी भी करवा ली।
फैमिली प्लानिंग में किया बेहतर कार्य
बीपीएम अभय त्रिपाठी बताते हैं कि सुनीता भारती ने फैमिली प्लानिंग में भी बेहतर कार्य किया है। वे वह आने वाली महिलाओं के साथ ही उनके परिजनों को भी फैमिली प्लानिंग के लिए प्रेरित करती हैं। उनके प्रयासों से अब तक सैकड़ो महिला नसबन्दी, पीपीआईयूसीडी, आईयूसीडी तथा तिमाही गर्भनिरोधक अंतरा के इंजेक्शन भी लगाए गए हैं।
पिता के विधायक होने का भी अहंकार नही
सुनीता भारती के पिता स्व. द्वारिका प्रसाद खलीलाबाद में ही भारतीय जनता पार्टी के विधायक भी रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद उनके अन्दर इस बात का कोई भी अहंकार नहीं दिखाई देता है। बीसीपीएम महेन्द्र त्रिपाठी बताते हैं कि वह अपने मरीजों की जिस प्रकार से सेवा करती हैं वह काबिले तारीफ है।
वर्तमान समय मे है क़्वारंटाइन
नर्स सुनीता भारती 14 दिनों तक कोरोना पीडि़तों की सेवा करने के बाद खुद का प्रशासन द्वारा चिकित्सकों व चिकित्साकर्मियों के लिए बनाए गए एक क्वारंण्टाइन सेण्टर में क्वारंटाइन हैं।
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