हर शरीर की भिन्न होती है रोग प्रतिरोधक क्षमता
बलरामपुर ।। कोरोना वायरस से बचने के लिए जितना आवश्यक लाकडाउन का पालन करना है, उतना ही आवश्यक अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बढ़ाना भी है। हर उम्र के व्यक्ति की एक खास रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है, वायरस उसी के अनुसार रिएक्ट करता है। किसी में लक्षण एक सप्ताह में दिख जाते है तो किसी में एक माह बाद कोरोना का असर दिखाई देता है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. घनश्याम सिंह ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि रोग प्रतिरोधक क्षमता हर उम्र में अच्छी होनी चाहिए। इससे कई बीमारियां आपके शरीर पर धावा बोलकर भी हार जाती हैं। इसलिए सभी को अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता दुरुस्त रखना चाहिए। उन्होने वायरस कोविड 19 से लड़ने के लिए आयुष मंत्रालय की ओर से जारी उस सलाह का भी जिक्र किया जिसमें 10 बिन्दुओं के जरिये कई अहम जानकारियां दी गई हैं। सीएमओ ने कहा कि जिले में पहला केस मिलने के बाद ये जरूरी हो गया है कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए हम अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करें क्योंकि अब अधिक्तर सामने आने वाले मरीजों में कोरोना के बेसिक लक्षण दिखाई ही नहीं दे रहे हैं।
कोरोना वायरस से बचने के लिए आयुष मंत्रालय की सलाह
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ घनश्याम सिंह ने जनपद वासियों को सलाह दी है कि दिनभर समय-समय पर हल्का गर्म पानी पीते रहें। रोजाना कम से कम 30 मिनट तक योग करें। अपने आहार में हल्दी, जीरा, धनिया और लहसुन जैसे मसालों का इस्तेमाल जरूर करें। एक चम्मच या 10 ग्राम च्यवनप्राश का सेवन रोज सुबह करें। डायबिटीज के रोगी शुगर फ्री च्यवनप्राश का सेवन करें। दिन में एक या दो बार हर्बल चाय या काढ़ा पीएं। काढ़ा बनाने के लिए पानी में तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, सूखी अदरक, मुनक्का मिलाकर अच्छी तरह धीमी आंच पर उबालें। अगर मीठा लेना हो तो स्वादानुसार गुड़ डालें या खट्टा लेना हो तो नींबू का रस मिला लें। दिन में कम से कम एक या दो बार हल्दी वाला दूध लें। 150 मिली लीटर गर्म दूध में करीब आधी छोटी चम्मच हल्दी मिलाकर पीएं। नैजल एप्लीकेशनः तिल का तेल या नारियल का तेल या घी रोज सुबह और शाम नाक के दोनों छिद्रों में लगाएं। ऑयल पुलिंग थेरेपीः एक बड़ी चम्मच तिल का तेल या नारियल का तेल मुंह में लें, इसे पीना नहीं है, इसे दो से तीन मिनट तक मुंह में घुमाने के बाद थूक दें, इसके बाद गुनगुने पानी से कुल्ला करें, दिन में एक या दो बार ऐसा किया जा सकता है। गले में खरास या सूखा कफ होने पर पुदीने की कुछ पत्तियां और अजवाइन को पानी में गर्म करके स्टीम लें। गुड़ या शहद के साथ लौंग का पाउडर मिलाकर इसे दिन में दो से तीन बार खाएं। सूखा कफ या गले में खरास ज्यादा दिनों तक है तो डॉक्टर को दिखाएं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ घनश्याम सिंह ने जनपद वासियों को सलाह दी है कि दिनभर समय-समय पर हल्का गर्म पानी पीते रहें। रोजाना कम से कम 30 मिनट तक योग करें। अपने आहार में हल्दी, जीरा, धनिया और लहसुन जैसे मसालों का इस्तेमाल जरूर करें। एक चम्मच या 10 ग्राम च्यवनप्राश का सेवन रोज सुबह करें। डायबिटीज के रोगी शुगर फ्री च्यवनप्राश का सेवन करें। दिन में एक या दो बार हर्बल चाय या काढ़ा पीएं। काढ़ा बनाने के लिए पानी में तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, सूखी अदरक, मुनक्का मिलाकर अच्छी तरह धीमी आंच पर उबालें। अगर मीठा लेना हो तो स्वादानुसार गुड़ डालें या खट्टा लेना हो तो नींबू का रस मिला लें। दिन में कम से कम एक या दो बार हल्दी वाला दूध लें। 150 मिली लीटर गर्म दूध में करीब आधी छोटी चम्मच हल्दी मिलाकर पीएं। नैजल एप्लीकेशनः तिल का तेल या नारियल का तेल या घी रोज सुबह और शाम नाक के दोनों छिद्रों में लगाएं। ऑयल पुलिंग थेरेपीः एक बड़ी चम्मच तिल का तेल या नारियल का तेल मुंह में लें, इसे पीना नहीं है, इसे दो से तीन मिनट तक मुंह में घुमाने के बाद थूक दें, इसके बाद गुनगुने पानी से कुल्ला करें, दिन में एक या दो बार ऐसा किया जा सकता है। गले में खरास या सूखा कफ होने पर पुदीने की कुछ पत्तियां और अजवाइन को पानी में गर्म करके स्टीम लें। गुड़ या शहद के साथ लौंग का पाउडर मिलाकर इसे दिन में दो से तीन बार खाएं। सूखा कफ या गले में खरास ज्यादा दिनों तक है तो डॉक्टर को दिखाएं।
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