अखिलेश्वर तिवारी
बलरामपुर ।। जनपद बलरामपुर के जिला कार्यक्रम अधिकारी को कार्य के प्रति लापरवाही तथा शासकीय कार्यों के प्रति गंभीर का न दिखाए जाने और बगैर अवकाश लिए जिले से बाहर रहने के कारण जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने कार्यमुक्त कर दिया है । जिलाधिकारी ने सभी विभागों के अधिकारियों को चेतावनी भी दी है, कि कोरोना वायरस (कोविड 19) के विरुद्ध चल रहे अभियान के दौरान अगर कोई भी जिला मुख्यालय बिना अनुमति के छोड़ेगा तो उसके विरुद्ध भी सख्त कार्यवाही की जाएगी ।
जिलाधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार अपरिहार्य परिस्थिति को दिखाते हुए जनपद में कार्यरत जिला कार्यक्रम अधिकारी कृष्ण मुरारी पाण्डेय 27 मार्च से 29 मार्च तक तीन दिवस का आकस्मिक अवकाश स्वीकृत कराते हुए 26 माार्च के अपरान्ह से मुख्यालय से बाहर गये थे तथा 30 मार्च तक मुख्यालय पर उपस्थित नहीं हुए। कोरोना वायरस से बचााव हेतु जनपद स्तर पर कराये जा रहे कार्यों की समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि उनके विभाग के स्तर पर कोई सहयोग नहीं किया जा रहा है, जिसमें कृष्ण मुरारी पाण्डेय, जिला कार्यक्रम अधिकारी दोषी हैं। इसके अतिरिक्त विभागीय कार्यों में भी कृष्ण कुमार पाण्डेय, जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा लापरवाही की जा रही है। कोरोना वायरस से बचाव हेतु विभागीय शिथिलता एवं विभागीय कार्यों की जा रही शिथिलता महामारी अधिनियम 1897 (अधिनियम संख्या-3 सन् 1897) की धारा (2) व इसके अन्तर्गत जारी उ0प्र0 शासन, चिकित्सा अनुभाग-5 की अधिसूचना संख्या-548/पांच-5-2020 दिनांक 14.03.2020 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिला मजिस्ट्रेट, बलरामपुर द्वारा कृष्ण मुरारी पाण्डेय, जिला कार्यक्रम अधिकारी, बलरामपुर को जनपद बलरामपुर से निदेशक, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार, उ0प्र0 लखनऊ के कार्यालय में योगदान हेतु कार्यमुक्त कर दिया गया है। विभागीय कार्यों की महत्ता के दृष्टिगत जिला कार्यक्रम अधिकारी के प्रयोग हेतु अग्रिम आदेशों तक अनिल कुमार सिंह, परियोजना निदेशक, डी0आर0डी0ए0 को तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी, बलरामपुर के सामान्य कार्यों के सम्पादन हेतु सत्येन्द्र सिंह, बाल विकास परियोजना अधिकारी, उतरौला को अधिकृत किया गया है। जिलाधिकारी द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि कोरोना वायरस से बचाव हेतु जनपद में जिला प्रशासन द्वारा युद्ध स्तर पर तैयारी की जा रही है, यदि किसी भी स्तर के अधिकारी द्वारा बिना उनकी अनुमति के मुख्यालय का परित्याग किया गया अथवा अपने दायित्व में किसी भी प्रकार की लापरवाही की गयी, तो उनके विरूद्ध भी इसी प्रकार की कठोर विभागीय कार्यवाही के साथ विधिक कार्यवाही की जाएगी।
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