रवि तिवारी गोंडा
दो सौ उपभोक्ताओं का बयान पूर्ति निरीक्षक चंदन के किया गायब
गोंडा: रुपईडीह ब्लॉक की ग्राम पंचायत फरेंदा शुक्ल के कोटेदार पर खाद्यान्न वितरण में अनियमितता समेत कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से की गई शिकायत गंभीर रूप से लेते हुए देवीपाटन मंडल के अपर आयुक्त ने एसडीएम सदर व जिला पूर्ति अधिकारी से रिपोर्ट तलब की, माननीय मुख्यमंत्री योगी जी का कहना है की उत्तर प्रदेश में कोई भी व्यक्ति भूख से नही मरेंगे लेकिन नजारा कुछ इस तरह देखने को मिला ग्राम पंचायत फरेंदा शुक्ल के कोटेदार मनोज का कहना है कि मेरा पेट जब तक नही भरेगा तब तक उपभोक्ताओं को अपने घर पे ही रहना होगा जब मेरा पेट भर जायेगा तब हम खुद ही बुलाओगे ,मनोज का बिगड़ा बोल और उपभोक्ताओं को कुछ इस तरह कह डाला मेरा सेटिंग ऊपर तक है मेरा कोई कुछ नही बिगाड़ सकता है क्योकि मैंने इंस्पेक्टर साहब से मिलकर लोगो का बयान गायब करवा दिया हु अब कुछ मेरा होगा नही गल्ला लेना हो तो आओ नही तो मत लेने आओ और रुपईडीह ब्लॉक में दबंग कोटेदार मनोज है ।
अब देखना यह है कि प्रशासन कैसे सो रहा है ऐसे दंबग कोटेदारों के प्रति क्या किया जा सकता है,पुर्व कोटेदार अमर नाथ अवस्थी के छाया में जीता है और अवस्थी 3/7 का मुलजिम भी है इसका प्रेम राशन की दुकान नही छूटता है । पूर्ति निरीक्षक गांव में जाकर 200 लोगों का बयान लेकर आए कोटेदार द्वारा घटतौली उजागर होने पर एसडीएम सदर वीर बहादुर यादव ने ढाई हजार का जुर्माना लगाते हुए कठोर चेतावनी लेकिन देखने को यह मिला कि उप जिलाधिकारी तक लोगों का बयान पहुंच ही नहीं रास्ते मे ही इंस्पेक्टर साहब ने लोगो का हनन करके गरीबो की आवाज को दबाव दिए योगी मोदी राज में ऐसे भ्रष्टाचार अधिकारियों की इस जिले में जरूरत नहीं है ,जिला अधिकारी डॉक्टर नितिन बंसल ने बार-बार दे रहे चेतावनी की यदि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी मिलती है तो सासन प्रसासन के लिए सबसे बड़ी शर्मीली खबर होगी और कोटेदारों की खैर नही होगी उच्च स्तर से शतप्रतिशत वितरण सुनिश्चित करने के लिए अत्याधिक दबाव के बाद पूर्ति निरीक्षक चंदन ने संकट की इस बोल में कोटेदार मनोज को बचाने में रहे कामयाब ।
कोविड-19 में सरकारी रासन की दुकान पर अभी भी खड़ाऊ राज।
दरअसल फरेंदा शुक्ल का कोटा अमरनाथ अवस्थी के नाम था जिसे राज्य स्तरीय टीम ने छापेमारी कर दस साल पहले निलंबित करते हुए मुकदमा दर्ज कराया था ,और कोटा बर्खास्त कर दिया था ,लेकिन अवस्थी का मोह कोटा से दूर नहीं हुआ नतीजा वह निलंबित कोटा के समय वितरण में सहयोग करता रहा और राशन दुकान चयन में अपने बेटों की जगह भाई के घर मनोज के नाम दुकान पाने में कामयाब हों गया , अब मनोज के साथ उसके दोनों बेटे वितरण का काम देख रहे हैं और घटतौली कर उपभोक्ताओं का शोषण केविड -19 में भी कर रहे हालात यह है कि फरेंदा शुक्ल के शिवदयाल सियापति गोले समेत कई उपभोक्ता गौसिहा के मल्लापुर दुकान से राशन लेने कोमजबूर हैं ये उपभोक्ता गांव में हो रही घटतौली वा दुर्व्यवहार से आहत होकर दूसरे गांव से राशन लेने को विवश है।
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