कोरोना से बचना है तो अफवाहों पर नहीं सलाह पर दें ध्यान
अखिलेश्वर तिवारी
बलरामपुर ।। कोरोना वायरस का कहर दुनिया के साथ-साथ भारत में भी बढ़ता जा रहा है। अब तक देश भर में इसके 1192 मामले सामने आ चुके हैं। इसकी चपेट में आने से 29 लोगों की मौत हो चुकी है। आंकड़ों से पता चलता है कि कोरोना वायरस भारत को तेजी से अपनी गिरफ्त में ले रहा है। जैसे-जैसे कोरोना दुनिया भर में फैलता जा रहा है, वैसे-वैसे इसको लेकर तमाम तरह के भय और भ्रांतियां भी सोशल मीडिया के माध्यम से फैल रही हैं। इसमें से कुछ सच हैं तो कुछ कोरे अफवाह। हालात यह है कि जितने मुंह, उतनी बातें। सोशल मीडिया और व्हाट्सएप के इस दौर में ये सब तेजी से फैल रहे हैं, जो इस महामारी के बीच फैले हुए डर, अनिश्चितता और उहापोह की स्थिति को और बढ़ा रहे हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. घनश्याम सिंह ने सोमवार को बताया विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ऐसे मिथकों और भ्रांतियों को तोड़ने के लिए 14 बिंदुओं की एक एडवाइजरी जारी की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का यह बार-बार कहना है कि अगर आप इस वायरस से अपने आप को बचाना चाहते हैं तो अपने हाथ को बार-बार धुलें ताकि अगर आप कहीं से इस वायरस के संपर्क में आए हों तो वह हाथों के माध्यम से आपके आंख, मुंह और नाक जैसे संवेदनशील इंद्रियों तक ना पहुंचे। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक संदेश में यह भी कहा जा रहा है कि कोरोना बुजुर्गों और बच्चों के लिए अधिक खतरनाक है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि ऐसा नहीं है, कोरोना सभी उम्र के लोगों के लिए उतना ही खतरनाक है, जितना बच्चों और बुजुर्गों के लिए, हालांकि बच्चों और बुजुर्गों की प्रतिरोधक क्षमता युवाओं से कम होती है, इसलिए उन पर इसका असर अधिक देखा जा रहा है। यही कारण है कि कोरोना से मरने वालों की संख्या में बुजुर्गों की संख्या अधिक है। बुजुर्गों-बच्चों के अलावा अस्थमा एवं अन्य मरीजों के लिए कोरोना अधिक खतरनाक है। इसलिए उन्हें अधिक एहतियात बरतने की जरूरत होती है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि अस्थमा मरीज डॉक्टर द्वारा सुझाए गए इनहेलर का इस्तेमाल जरूर करें। इससे कोरोना और अन्य संक्रमण का खतरा कम रहता है।
नोट व फोन से भी फैलता कोरोना
कोरोना वायरस के नोडल अधिकारी डा. ए.के. सिंघल ने बताया सोशल मीडिया पर चल रहे तमाम संदेशों के बीच लोग यह भी पूछ रहे हैं कि क्या नोट, छूने से या फोन से भी कोरोना वायरस फैल सकता है। डब्ल्यूएचओ ने इससे इनकार नहीं किया है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक कोरोना वायरस कई सतहों पर घंटों तक अस्तित्व में रह सकता है। अगर कोई कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति फोन, दरवाजे के हैंडल, नोट जैसी किसी सतह को छूता है तो वह सतह भी संक्रमित हो जाता है। अतः यह जरूरी है कि आप अपने फोन को भी समय-समय पर साफ करते रहें, वहीं दरवाजे के हैंडल आदि सतहों के संक्रमण से बचने के लिए अपने हाथ बार-बार साफ करते रहें। ठीक यही हाल नोटों का भी है, जो दिन भर में ही सैकड़ों हाथों में जाता है।
डब्ल्यूएचओ ने बताए कोरोना के लक्षण
कोरोना के लक्षण कोरोना वायरस (कोविड-19) के सामान्य लक्षण सिरदर्द, खांसी, मांसपेशियों में दर्द, बुखार और थकान, सांस लेने में परेशानी है। इसके लक्षण दिखने में 5 से 7 दिनों का समय लगता है। इसके लक्षण मरीज के भीतर 14 से 20 दिनों तक बने रहते हैं। डब्ल्यूएचओ के अनुसार सामान्य बुखार और कोरोना संक्रमण के कई लक्षण एक जैसे हैं। बिना मेडिकल टेस्ट के इसको अंतर कर पाना बहुत मुश्किल है। सर्दी, बुखार, गले में संक्रमण फ्लू और कोरोना दोनों के सामान्य लक्षण हैं लेकिन डब्ल्यूएचओ के मुताबिक कोरोना से संक्रमित व्यक्ति को सांस फूलने की शिकायत जरूर रहती है।
कोरोना से ऐसे करें बचाव
कोरोना से बचने के उपाय हाथों को बार-बार साबुन से धोएं या एल्कोहल युक्त सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। खांसते और छींकते वक्त टिशू का इस्तेमाल करें और इस्तेमाल करने के बाद इसे तुरंत फेंक दें। टिशू ना हो तो हाथ से मुंह ढंककर छींकने या खांसने की बजाय बांह से मुंह ढंककर छींके या खांसे। अपने आंख, नाक और मुंह को ना छुएं। लेकिन अगर ऐसा करना जरूरी है तो छूने से पहले और छूने के बाद अपना हाथ जरूर धोएं या उसे सैनिटाइजर से साफ करें। कोशिश करें कि किसी भी सर्दी-जुकाम से पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में ना जाएं। कुछ भी खाने से पहले हाथ को अच्छे से साबुन या हैंडवाश से धुलें। धुलने का समय कम से कम 20 सेकेंड का होना चाहिए।
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