राजकुमार शर्मा
बहराईच :- बहराईच के इंडोनेपाल बॉर्डर पर रुपईडीहा कस्बे में बुधवार की शाम 06 बजे से देर तक दो महिलाओं सहित 14 नेपाली युवा नेपाल जाने के लिए कस्बे मे भटकते रहे। एक महिला की गोद मे बच्चा व एक चार वर्षीय बालक भी उनके साथ था। इनमे एक युवक दांग का था व शेष विभिन्न नेपाली जिलों के थे। इनके साथ के युवक भगौती थापा ने बताया कि गुजरात प्रांत के सूरत मे हम लोग रायल डाइंग होटल मे काम कर रहे थे। कुछ लोग अलग काम कर रहे थे। इसके मालिक सलमान भट्टी ने हम लोगों को जबरिया खदेड़ दिया और कहा कि होटल मे कोई काम नही है होटल बंद हो गया है। हम लोग सूरत से 60 हजार रूपया देकर एक फोर्स वाहन से रूपईडीहा पहुंचे। अब हम लोग बार्डर तक गये थे। भारत की पुलिस व एसएसबी हमे नेपाल नही जाने दे रही है न ही हमे नेपाली पुलिस लेने को तैयार है। इनके साथी नन्द बहादुर विष्ट, दल बहादुर सिंह, रोमियों विष्ट, धन बहादुर विष्ट, दीपक थापा व इनके साथ की युवतियां विशुना व डीलू जीसी को देखने से लगा कि ये लोग बहुत परेशान है। आंखों मे आंसू थे। नेपाल पुलिस ने दो दिन पूर्व से भारत की ओर से नेपाल प्रवेश करने वाले नेपालियों का ही प्रवेश रोक दिया है। पड़ोसी नेपाली जिला बांके, बर्दिया, दांग सहित सभी 77 जिले लाक डाउन है। दो दिन पूर्व पड़ोसी नेपाली जिला बांके के डीएम कुमार बहादुर खड़का ने पत्रकारों को बताया था कि चीन व भारत से लगी नेपाल की सभी सीमाए सील कर दी गयी है। इसी आदेश के तहत अब भारत से जाने वाले नेपालियों का भी प्रवेश निषिद्ध हो गया है। ये नेपाली किसी प्रकार रूपईडीहा के सीमान्त डिग्री कालेज से होते हुए बामुश्किल भारत नेपाल प्रवेश किया।।
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