मुख्य सड़क के किनारे स्थित मॉडल प्राइमरी स्कूल के पास नहीं बना है स्पीड ब्रेकर
आए दिन हादसों के शिकार होते रहते हैं नौनिहाल, विद्यालय की भी नहीं बनी है बाउंड्रीवॉल
ए. आर. उस्मानी
गोण्डा। सरकारी स्कूलों की दिशा-दशा सुधारने के लाख जतन कर लिए जाएं, लेकिन व्यवस्था में लगा दीमक इसमें सबसे बड़ा अवरोध है, जिसका खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। शिक्षा महकमे द्वारा बरती जा रही घोर लापरवाही के चलते आए दिन बच्चे हादसे का शिकार होते रहते हैं। ऐसी ही एक घटना बुधवार की सुबह मॉडल प्राइमरी स्कूल फिरोजपुर तरहर में उस समय हुई, जब सड़क किनारे स्थित उक्त स्कूल में पढ़ने जा रहे एक बच्चे को तेज रफ्तार से जा रहे बाइक सवार ने ठोकर मार दी। गनीमत रही कि विद्यालय में मौजूद शिक्षिका ने आनन-फानन में बच्चे को अपनी स्कूटी से जिला अस्पताल पहुंचाया।
सरकारी स्कूलों की दिशा-दशा सुधारने के लाख जतन कर लिए जाएं, लेकिन व्यवस्था में लगा दीमक इसमें सबसे बड़ा अवरोध है। सरकारी स्कूलों में बच्चों की शिक्षा में गुणात्मक सुधार के साथ ही विद्यालयों की स्थिति बेहतर बनाने तथा बच्चों की सुरक्षा के दृष्टिगत बाउंड्रीवॉल बनवाने के शासनादेश को जिम्मेदारों द्वारा बरती जा रही घोर लापरवाही मुंह चिढ़ा रही है। इसका खामियाजा गरीब घरों के बच्चों तथा उनके परिजनों को भुगतना पड़ रहा है। शिक्षा क्षेत्र झंझरी का मॉडल प्राइमरी स्कूल फिरोजपुर तरहर सड़क के किनारे स्थित है। इस स्कूल में करीब 300 बच्चे अध्ययनरत हैं। टूट फूटी फर्श, दरार ले चुकी दीवारें इसकी पहचान हैं। सबसे गंभीर बात तो यह है कि 300 से अधिक बच्चे इस स्कूल में अपनी जान हथेली पर रखकर शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते हैं। दरअसल, मुख्य सड़क के किनारे स्थित होने के बावजूद इस स्कूल की बाउंड्रीवॉल अब तक नहीं बनवाई गई है और न ही स्कूल के पास सड़क पर गति अवरोधक ही है, जिससे सड़क पर तेज रफ्तार से फर्राटे भरने वाले वाहन स्पीड ब्रेकर पर पहुंचकर ब्रेक ले सकें। शिक्षा विभाग तथा अन्य जिम्मेदारों द्वारा बरती जा रही इस घोर लापरवाही का खामियाजा मासूम बच्चों को भुगतना पड़ रहा है।
बुधवार की सुबह करीब सवा नौ बजे कक्षा दो का छात्र अजय प्रताप स्कूल जा रहा था। वह विद्यालय से कुछ ही दूर था कि तेज रफ्तार से जा रहे बाइक सवार ने ठोकर मार दी, जिससे वह घायल हो गया। इस बीच स्कूल में पहुंच चुकीं शिक्षिका श्रीमती प्रियंका गौतम तत्काल दुर्घटना स्थल पर पहुंचीं और घायल बच्चे को शिक्षा मित्र के सहयोग से अपनी स्कूटी से जिला अस्पताल लेकर आयीं। शिक्षिका प्रियंका गौतम की तत्परता से एक मासूम बच्चे को बड़ी अनहोनी की घटना से बचाया जा सका। हादसे के बाद बेहोश हुए बच्चे को देखकर शिक्षिका घबरा गयीं, लेकिन वे धैर्य से काम करते हुए उसे तुरंत अस्पताल लेकर पहुंचीं, जहां इलाज के बाद बच्चे को होश आया। इसके बाद शिक्षिका श्रीमती गौतम ने भी राहत की सांस ली।
बताते हैं कि मॉडल प्राइमरी स्कूल फिरोजपुर तरहर आने-जाने वाले बच्चे आए दिन हादसों का शिकार होते रहते हैं। कभी स्कूल के पास तेज रफ्तार से गुजर रहे वाहनों की चपेट में आ जाते हैं तो कभी स्कूल आते अथवा वापस घर जाते समय हादसे का शिकार हो जाते हैं। इसके बावजूद महकमे के जिम्मेदार आंखें बंद किए हुए हैं। बताया जाता है कि इसकी शिकायत ग्रामीणों द्वारा तत्कालीन जिलाधिकारी तथा जिला बेसिक अधिकारी से करते हुए मॉडल प्राइमरी स्कूल फिरोजपुर तरहर के पास सड़क पर स्पीड ब्रेकर तथा विद्यालय की बाउंड्रीवॉल बनवाने की मांग की गई थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी। न तो स्कूल की बाउंड्रीवॉल का निर्माण कराया गया और न विद्यालय के पास सड़क पर स्पीड ब्रेकर ही बना। इससे स्कूल में पढ़ने वाले 300 से अधिक बच्चों की जिंदगी हमेशा खतरे में रहती है। बताते हैं कि इस स्कूल के अलावा भी करीब आधा दर्जन विद्यालय हैं जो इसी सड़क के किनारे स्थित हैं। यहां के बच्चे भी जान हथेली पर लेकर स्कूल आते जाते हैं। यह उनकी मजबूरी बन चुकी है, क्योंकि जिला प्रशासन से लेकर शिक्षा विभाग और पीडब्ल्यूडी महकमा भी कुंभकर्णी नींद सोया हुआ है। शायद इन्हें किसी बड़े हादसे का इंतजार है?
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