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दरबारे मीनाइया में मनाया गया बसंतोत्सव, मुल्क की तरक्की और शांति के लिए की गयीं दुआएं


ए. आर. उस्मानी
गोण्डा। हिंदुस्तान की मशहूर खानकाह दरबारे आलिया मीनाईया में गुरूवार को दिन में 10 बजे कुल शरीफ व महफिले बसंत का आयोजन हजरत महबूब मीना शाह की सरपरस्ती में किया गया जिसमें लोगों ने नात व मनकबत पेश किए। 

      बसंत पंचमी पर आयोजित इस कार्यक्रम में कारी मोहम्मद अहमद ने पढ़ा कि 'हबीबे खुदा का नजारा करूं मैं, दिलों जान उन पर निसारा करूं मैं।'
कारी अनीस ने पढ़ा कि 'मेरे हर ऐब की करते हैं वह पर्दा पोशी, मेरे जुर्मो को तमाशा नहीं होने देते।' 
कारी जुनैद मीनाई ने पढ़ा की 'मेरे सरकार गुलामी में निभाए रखना, मुझ गुनाहगार को कदमों से लगाए रखना' कारी रईस ने पढ़ा 'तू हजार बार ठुकरा मेरा सर यहीं झुकेगा, मेरे दिल में है मोहब्बत तेरे संगे आस्ता से।' कारी अहमद हुसैन ने पढ़ा की 'बज्मे सरकार सजी जब भी कहीं देखी है, इश्क वालों की वहीं भीड़ जमी देखी है।' मुफ्ती अमानुरब एवं मौलाना मुज़क्किर खान ने वलियों के फैजान के बारे में बताया। इस मौके पर दुआ खानी की महफिल हुई जिसमें मुल्क की तरक्की एवं शांति के लिए दुआ मांगी गई। 
    इस अवसर पर हसन सईद (नायब सज्जादा नशीन), फकीर मोहम्मद मीनाई, कारी निसार मीनाई, कारी ताहिर, रफीक आलम मीनाई, सगीर मीनाई, नूर अली मीनाई, तुफैल आलम मीनाई, तबरेज आलम मीनाई आदि उपस्थित रहे।

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