मिथलेश शुक्ला (नीतू पंडित)
जे देवी महिला महाविद्यालय बभनान द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर
बभनान
समाज तभी आगे बढ़ सकता है जब समाज के लिए कुछ ना कुछ त्याग की भावना एवं समर्पण भाव से सभी को साथ लेकर समाज उत्थान के लिए कुछ ना कुछ करने की मनसा रखता है। दान पुण्य तो सभी करते है मगर समाजहित के लिए एवं सामाजिक सरोकार के साथ-साथ की सेवा कार्य को प्रमुखता से करना ही मानव जीवन का सबसे बड़ा पुनीत कार्य है। समाज के अन्तिम व्यक्ति तक विकास पहुंचे, यही ध्येय स्वामी विवेकानंद एवं पं दीनदयाल उपाध्याय जी के थे। उक्त बातें आचार्य नरेंद्र देव किसान स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्रोफेसर डॉ जयकरन नाथ तिवारी ने जे देवी महिला महाविद्यालय बभनान द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर के दौरान शिविरार्थी छात्राओं को संबोधित करते हुए कहीं।
कार्यक्रम को गति देते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ चंद्रमौली मणि त्रिपाठी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी तार्किक एवं क्रातिंकारी विचारक थे। स्वामी जी के दर्शन से आज के युवा पीढ़ी को सीख लेकर जीवन में आत्मसात करना होगा। उन्होंने कहा कि स्वामी जी ने पूरे विश्व में अपने अल्प जीवन काल में ही भारत की सभ्यता का परिचय पूरे विश्व को देकर विश्व पताका फहराया था जिसकी गूंज आज भी पूरे विश्व में सुनायी पड़ती है।
1883 में शिकागो में दिये गये संबोधन में श्री स्वामी जी ने उपस्थित लोगों का अभिवादन प्रिय भाइयों व बहनों कर किया था। उक्त संबोधन से ही पश्चिमी सभ्यता के लोग उनके कायल हो गये थे। इस मौके पर डॉ संतोष ,डॉ हरजीत कौर, स्नेहा जायसवाल, डॉ किरन त्रिपाठी, संतोष पाठक, सविता, सरिता दुबे, पूनम शुक्ला, प्रवीण चूड़ीवाल सहित महाविद्यालय परिवार के तमाम गणमान्य लोग व छात्राएं मौजूद रहीं।
जे देवी महिला महाविद्यालय बभनान द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर
बभनान
समाज तभी आगे बढ़ सकता है जब समाज के लिए कुछ ना कुछ त्याग की भावना एवं समर्पण भाव से सभी को साथ लेकर समाज उत्थान के लिए कुछ ना कुछ करने की मनसा रखता है। दान पुण्य तो सभी करते है मगर समाजहित के लिए एवं सामाजिक सरोकार के साथ-साथ की सेवा कार्य को प्रमुखता से करना ही मानव जीवन का सबसे बड़ा पुनीत कार्य है। समाज के अन्तिम व्यक्ति तक विकास पहुंचे, यही ध्येय स्वामी विवेकानंद एवं पं दीनदयाल उपाध्याय जी के थे। उक्त बातें आचार्य नरेंद्र देव किसान स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्रोफेसर डॉ जयकरन नाथ तिवारी ने जे देवी महिला महाविद्यालय बभनान द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर के दौरान शिविरार्थी छात्राओं को संबोधित करते हुए कहीं।
कार्यक्रम को गति देते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ चंद्रमौली मणि त्रिपाठी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी तार्किक एवं क्रातिंकारी विचारक थे। स्वामी जी के दर्शन से आज के युवा पीढ़ी को सीख लेकर जीवन में आत्मसात करना होगा। उन्होंने कहा कि स्वामी जी ने पूरे विश्व में अपने अल्प जीवन काल में ही भारत की सभ्यता का परिचय पूरे विश्व को देकर विश्व पताका फहराया था जिसकी गूंज आज भी पूरे विश्व में सुनायी पड़ती है।
1883 में शिकागो में दिये गये संबोधन में श्री स्वामी जी ने उपस्थित लोगों का अभिवादन प्रिय भाइयों व बहनों कर किया था। उक्त संबोधन से ही पश्चिमी सभ्यता के लोग उनके कायल हो गये थे। इस मौके पर डॉ संतोष ,डॉ हरजीत कौर, स्नेहा जायसवाल, डॉ किरन त्रिपाठी, संतोष पाठक, सविता, सरिता दुबे, पूनम शुक्ला, प्रवीण चूड़ीवाल सहित महाविद्यालय परिवार के तमाम गणमान्य लोग व छात्राएं मौजूद रहीं।
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