मिथलेश शुक्ला (नीतू पंडित)
बभनान
राष्ट्र हमसे बना है और हम राष्ट्र से बने है। सेवा भाव से अहंकार का पतन संभव है। राष्ट्रीय सेवा योजना शिवरार्थीयो के अंदर सेवा, सर्मपण, व प्रेम भाव को जगाने मे सहायक सिद्ध होती है। जो समाज जितना अधिक विकसित होता है। उस समाज की भाषा उतनी ही उन्नत होती है। अथवा यह भी कहा जा सकता है कि किसी समाज के विकास की पहचान उसकी भाषा से की जा सकती है। उक्त बातें आचार्य नरेंद्र देव किसान स्नातकोत्तर महाविद्यालय बभनान के द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर के दौरान प्राथमिक विद्यालय महरागौरा में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ धर्मेंद्र शुक्ल ने शिविरार्थीयों को संबोधित करते हुए शिविर के उद्घाटन सत्र पर कहीं।
कार्यक्रम को गति देते हुए उन्होंने कहा कि मनुष्य अपने वातावरण की उपज है। इसलिए मानव जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में स्वच्छ वातावरण जरूरी है। लेकिन जब प्रश्न पर्यावरण का उठता है तो यह जरुरत और भी बढ जाती है। प्राचीन काल से ही मानव अपने रहने की जगह तथा उसके आस-पास के वातावरण को स्वच्छ एवं हानिकारक तत्वों से मुक्त करता आ रहा है। परन्तु आधुनिक मानव की आत्मघाती प्रवृत्ति की वजह से वर्तमान युग में पर्यावरण तथा परिस्थितियों के प्रति जागरुकता को बढाने की सर्वाधिक जरुरत महसूस की जा रही है। इस अवसर पर महाविद्यालय के डॉ अजय कुमार मौर्य, डॉ शैलेंद्र, डॉ स्मिता पांडे, डॉ पवन सहित शिविरार्थी छात्र-छात्राएं मौजूद रहीं।
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