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अनीता गुलेरिया
दिल्ली :दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली द्वारका से सटा गोयला-डेयरी इलाका नर्क का घर बना हुआ है । इतनी खतरनाक-बीमारियों के चलते स्वच्छता-अभियान के तहत इस इलाके की तरफ निगम प्रशासन की तरफ से बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जा रहा,क्षेत्रवासियों अनुसार गंदे नाले की बिल्कुल भी सफाई ना होने से सारा गंदा पानी सड़कों पर भर जाता है । सडान भरे पानी की गंदी बदबू से लोगों का सड़क पर चलना भी दुर्बर हो गया है । हनुमान चौक के इलावा कुतुब-बिहार में बने पार्क के सामने पूरी तरह से सड़क पर जल-भराव होने से पार्क में जाना तो दूर,सड़क पर बने स्टैंड पर खड़ा होना मुशिकल हो जाता है । रोजाना स्कूली बच्चो व आफिस जाने वालो को इस बदबूदार पानी का सामना रोज करना पडता है । स्थानीय-निवासियों अनुसार कई बार निगम-पार्षद पवन शर्मा व विधायक गुलाब सिंह के पास इलाके की सफाई को लेकर शिकायतें करने के बावजूद भी उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं हो रहा है । निगम-पार्षद का हमारे इलाके मे सफाई-समस्या की तरफ बिल्कुल भी ध्यान नही है । लोगों मे भारी रोग-संक्रमण का खतरा बना हुआ है । मीडिया समक्ष स्थानीय-लोगों ने रोष व्यक्त करते हुए कहा,क्या हमे स्वच्छता तहत जीने का,रहने का अधिकार नही है ? क्या इन नेताओं की नजर में हम लोगों की जिंदगी मात्र वोट देने तक ही सीमित है, वोट मिल जाने के बाद यहा कोई सांसद,विधायक,निगम-पार्षद इस इलाके की तरफ बिल्कुल ध्यान नही देता आखिर क्यो ? यदि हमारे इलाके के बच्चे,महिलाएं व पुरुष बीमार पड़ते हैं,तो इस महा रोग संक्रमण का दोषी सीधे-सीधे केंद्र और दिल्ली सरकार होगी । रोड पर कूड़े के बड़े-बड़े ढेर लगे रहते है । निगम-प्रशासन विभाग द्वारा समय रहते कूड़ा ना उठाने से कूढे और गोबर के ढेर रोड़ पर सरेआम देखे जा सकते हैं । जिस पर आवारा पशुओं का जमावड़ा होने से रोड-जाम हो जाता है । गोबरनुमा-कीचड भरे पानी में दोपहिया वाहन स्लिप होने से वाहन-चालक चोटिल होते है । देश की राजधानी-दिल्ली के इस नर्कमयी-इलाके को देखते हुए तो कतई नहीं कहा जा सकता कि हम विकास की ओर जा रहे हैं । प्रधान-सेवक द्वारा स्वच्छता-तहत बनाई स्कीमो का धरातल पर कोई भी काम होते नजर नहीं आ रहा । यहां मस्जिद के पास बने पार्क मे कई दिनों से लगे गंदगी के ढेर, सरेआम स्वच्छता-अभियान की धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे हैं, स्थानीय निवासियों ने मीडिया के समक्ष बताते हुए कहा यह पार्क कम,जुआरियो व नशेडिओं का अड्डा ज्यादा नजर आता है । स्वच्छता को लेकर नगर-निगम विभाग का रवैया नकारात्मक है,आखिर क्यों ? हमे अपनी सरकार से बस यही पूछना हैं क्या स्वच्छता-अभियान के तहत हम लोगों को भी स्वच्छ और स्वास्थ्य तरीके से जीने का अधिकार मिल पाएगा ? या फिर सरकार का स्वच्छता-अभियान का यह झूठा नारा मात्र-दिखाने भर को हैं ।
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