नवल किशोर पाण्डेय
तरबगंज, गोण्डा। शासन द्वारा जहाँ एक तरफ वृक्षारोपण करके क्षेत्रों में हरियाली लाने की कवायद पूरी की जा रही है वहीं तरबगंज थाना क्षेत्र में शासन के निर्देशों की धज्जियां उड़ाकर वन माफियाओं से सेटिंग करके पुलिस चंद लाभ की खातिर दिन दहाड़े हरे पेड़ों पर आरा चलवाकर उसे धराशायी करवाने में अपना योगदान दे रही है।
बताते चलें कि हरे पेड़ों की सुरक्षा को लेकर दिया गया शासन प्रशासन के सख्त निर्देश का तरबगंज थाने की पुलिस ने मखौल बनाकर रख दिया है। यहाँ थाने की कुर्सी पर बैठकर उसकी कमान संभालने वाले बेखौफ थानेदार को शायद शासन प्रशासन के निर्देशों का खौफ नहीं है जिसके निष्क्रियता के चलते यहाँ दबंग वन माफियाओं का सिक्का चलता है। सूत्रों के मुताबिक़ ये वन माफिया पुलिस से सेटिंग गेटिंग करके खुलेआम हरे पेड़ों पर आरा चलाकर उसे धाराशायी कर रहे हैं। इसका जीता जागता प्रमाण थाना क्षेत्र के ग्रामसभा रेतादलसिंह के मजरा गोसाई पुरवा में सड़क के बगल तब देखने को मिला जब दबंग वन माफियाओं ने बिना किसी परमिट के आम के हरे पेड़ को काटकर धाराशायी कर दिया। इसकी भनक जब मीडिया तक पहुँची तो पता चला कि स्थानीय पुलिस व वन विभाग की मिलीभगत से इस हरे आम के पेड़ को काटा गया है, जबकि हरे पेड़ों की कटान पर सरकार की तरफ से प्रतिबन्ध लगा हुआ है। हैरानी की बात तो यह है कि यहाँ कानून के रखवाले शायद जान बूझकर बेखबर रहते हैं, क्योंकि पैसा बोलता है! कानून के रखवालों को शायद यह नहीं पता है कि ये पब्लिक है, सब जानती है!
थाने से कुछ ही दूरी पर धाराशायी किया गया हरा पेड़
बताते चलें कि यह आम का पेड़ थाने से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर धाराशायी कर दिया गया और पुलिस शिकायत तथा सूचना के बाद भी खामोशी का चादर ओढ़े रही। सवाल यह उठता है कि आखिर क्या वजह थी कि पुलिस ने शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया और कानों में तेल डाले चुप्पी साधे रही? वहीं दूसरी तरफ वन माफिया हरे प्रतिबंधित आम के पेड़ को दिनदहाड़े जमींदोज कर दिया गया।
क्या कहते हैं वन विभाग के जिम्मेदार
इस मामले में तरबगंज रेंज के वन दरोगा अनिल सिंह से बात हुई तो उन्होंने कहा कि मौके पर वन रक्षक रामपाल भारती गए थे, जहांं आम का पेड़ कटा हुआ पाया गया। फिल्हाल वन विभाग में केस दर्ज हो चुका है। वहीं वन रक्षक रामपाल भारती से बात हुई तो उनका कहना था कि मौके पर आम का एक पेड़ काटा हुआ पाया गया है। परमिट के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि पेड़ परमिट के बिना काटा गया था जिसे लेकर दोषियों पर वन विभाग द्वारा कार्यवाही की जा रही है।
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