प्रतापगढ़ | मन में हौसला और लगन हो तो कोई भी राह और कोई भी कार्य मुश्किल नहीं होता है ,क्योंकि मंजिल उन्हें ही मिलती है जिनके हौसलों में जान होती है ,कुछ ऐसा ही कर दिखाया है जनपद प्रतापगढ के हन्डौर गांव के रहने वाले साधारण से परिवार में जन्मे मो.जमील ने ,जिन्होंने पिता अब्दुल सलाम खान के देहावसान के बाद गरीबी से संघर्ष करते हुए रोजी रोटी के लिए मुंबई जाकर नौकरी के साथ साथ खुद पढ़ाई कर वेटलिफ्टिंग में कई बार गोल्ड और सिल्वर मेडल पाकर यह साबित कर दिया कि मेहनत और लगन के बल पर दुनिया की हर वो उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं ,जिसे लोग नामुमकिन कहते हैं | हाईस्कूल की परीक्षा गुफा मुंशिपल स्कूल से व इंटरमीडिए की परीक्षा इस्माइल युसुफ कॉलेज मुंबई से इन्टरमीडिएट की परीक्षा अच्छे अंकों से उत्तीर्ण करने के पश्चात आगे की पढ़ाई के मुंबई युनिवर्सिटी मे दाखिला ले वेटलिफ्टिंग मे अपना कैरियर बनाने वाले मो. जमील बताते हैं कि उनके जीवन मे अब तक कई बार उतार - चढ़ाव के बावजूद हमने पन्द्रह बार गोल्ड व सिल्वर प्राप्त किया है और दो बार स्ट्रांग मैन के खिताब से भी नवाजा गया है | वेटलिफ्टिंग चैम्पियनशिप मे मेरी हर कामायाबी के पीछे मेरे गुरु संकेत चहवन का अभूतपूर्व योगदान है जिनके बदौलत मुझे नित सफलता की चीढ़ी चढ़ने का हौसला मिलता है | हाल ही मे महाराष्ट्र के दादर मे हुए राज्य स्तरीय जूनियर वेटलिफ्टिगं चम्पियनशिप के 66 किलो वर्ग मे दूसरा स्थान पाकर जनपद के गौरव को बढ़ाया है | इनके इस कामयाबी को जानकर इनके बाबा अब्दुल हई,और चाचा रिटायर्ड भूतपूर्व सैनिक अब्दुल वहीद भाई ,इब्रारुल हक वारंट आफिसर ,अनवारुल हक भारतीय रेलवे, एनामुल हक एडवो. ,तव्वाब खान,नवाब खान, वरिष्ठ समाजसेवी पं. शारदा प्रसाद मिश्र ,समाजसेवी संजय शुक्ल ,शिवम त्रिपाठी, संदीप दुबे ,लालजी दुबे सहित परिवार व गांव के लोगों मे खुशी का है माहौल |
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