राष्ट्रपति से सीएए व एनआरसी को तत्काल निरस्त करने की मांग
डीएम को सौंपा गया राष्ट्रपति को संबोधित हजारों सुन्नी मुसलमानों के हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन
ए. आर. उस्मानी
गोण्डा। जनपद गोण्डा के हज़ारों सुन्नी (बरेलवी) मुसलमानों के हस्ताक्षर वाले राष्ट्रपति को संबोधित नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के विरुद्ध मेमोरंडम मशहूर व मारूफ खानकाह दरबारे आलिया मीनाइया के सज्जादा नशीन अलहाज महबूब मीना शाह के नेतृत्व में बड़े ही शान्तिपूर्ण ढंग से ज़िलाधिकारी को सौंपा गया, जिसमें इस कानून को रद्द करने की माँग की गयी है।
इस ज्ञापन में हजारों की तादाद में लोगों ने हस्ताक्षर करके अपना विरोध जताया है। इस पुरअमन प्रदर्शन में CAA और राष्ट्रव्यापी NRC को भारतीय संविधान में प्रदत्त अधिकारों के विरुद्ध, हिंदू और मुसलमानों में भेदभाव कर आपसी मेलजोल को खत्म करके सांप्रदायिकता को बढ़ाने देने वाला कानून बताया गया है और यह भी कहा गया है कि यह अधिनियम संविधान के अनुच्छेद 14 व 15 का खुला उल्लंघन है। ज्ञापन में कहा गया है कि विगत वर्षों से भारत में मुसलमानों के अधिकारों को छीनने की कोशिश की जा रही है जिसके लिए CAA जैसे काले कानून पास कराए जा रहे हैं। भारत एक शांतिप्रिय एवं विभिन्न परंपराओं वाला धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है। इस अधिनियम से ना केवल देश की एकता एवं अखंडता प्रभावित हो सकती है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की धर्मनिरपेक्ष छवि भी खराब हो रही है। इस अधिनियम को हर शांतिप्रिय भारतीय अलगाववाद की सोची समझी घिनौनी साजिश मान रहा है।
डीएम गोण्डा को सौंपे गए ज्ञापन के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति से मांग की गई है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम व राष्ट्रव्यापी एनआरसी को तुरंत निरस्त किया जाए। इसके विरोध में होने वाले प्रदर्शनों में भाग लेने वाले बेगुनाह लोगों पर दर्ज किए गए मुकदमे वापस लिए जाएं तथा देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में होने वाले विरोध प्रदर्शनों में गिरफ्तार छात्रों को रिहा कर उन पर लगे आपराधिक मुकदमे वापस लिए जाएं।
इस प्रोग्राम में डॉ. लाइक अली, कारी निसार अहमद मीनाई, मुफ्ती अमानूर रब, मौलाना मुजक्किर खान, फकीर मोहम्मद मीनाई, वली मोहम्मद खान, मेंहदी रजा, मुस्ताक कुरेशी, हासिम अली मीनाई, अतीक मीनाई, एहसान मीनाई समेत अनेकों लोग मौजूद रहे।
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