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बदलते परिवेश का आईना है लीला की कहानियां : डॉ• रत्न


कथा संग्रह लीला का हुआ लोकार्पण, नारी शक्तियों को किया गया सम्मानित
शिवेश शुक्ला 
 प्रतापगढ़ | बदलते सामाजिक परिवेश का आईना है लीला की कहानियां | मानव के विविध अन्तर्सबन्धों और अन्तर्क्रियाओं मानो समाजिक चित्र प्रस्तुत करते हुए कहानियां मानव बनने की शिक्षा देती हैं | यह बातें बाबू रामकरन सिंह मेमोरियल ट्रस्ट के तत्वाधान में वरिष्ठ साहित्यकार प्रेम कुमार त्रिपाठी "प्रेम" द्वारा लिखित कथा संग्रह "लीला" के लोकार्पण समारोह के मौके पर बतौर मुख्य वक्ता के रूप में संग्रह लीला की समीक्षा करते हुए साहित्यकार /कवि डॉ दयाराम मौर्य रत्न ने कही | उन्होंने कहा कि कथाकार ने उत्कृष्ट कथा संग्रह कर लेखन करके कहानी के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय जोडा है |
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन माल्यार्पण के साथ किया गया |समारोह की अध्यक्षता एंजिल्स इंटर कॉलेज की प्राचार्य डॉ शाहिदा व संचालन सुरेश नारायण दुबे ने किया |आए हुए अतिथियों का स्वागत व माल्यार्पण कार्यक्रम के  संयोजक डॉ• चंद्रेश बहादुर सिंह ध्रुव ने किया |कथा संग्रह लोकार्पण समारोह का आयोजन वरिष्ठ चिकित्सक तथा समाजसेवी डॉ हरिकेश बहादुर सिंह ने किया | कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद साकेत पीजी कॉलेज की प्राचार्य डॉ नीलमा श्रीवास्तव ने कहा कि कथासंग्रह की कहानियां समाज में व्याप्त विसंगतियों पर करारा प्रहार करती हैं ,सभी कहानियां प्रेरक हैं | कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही डॉ शहीदा ने कहानी संग्रह लीला के लेखक को दिली मुबारकबाद देते हुए भाषा भाव शायरी की दृष्टि से कथा संग्रह अति श्रेष्ठ बताया | इस मौके पर उत्कृष्ट लेखन के लिए सृजना साहित्य  संस्था ने लेखक प्रेम कुमार त्रिपाठी को साहित्य गौरव व  अच्छी समाज सेवा के लिए डॉ• हरिकेश बहादुर सिंह को साहित्य गौरव सम्मान एंव शैक्षिक तथा अन्य क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए डॉ• शहिदा तथा डॉ• नीलमा श्रीवास्तव को प्रतापगढ़ गौरव सम्मान से  जिले के वरिष्ठ पत्रकार अखिल नारायण सिंह ने सम्मानित किया | कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करने वालों में प्रमुख रूप से राजेश कुमार मिश्र ,डॉ• संगम लाल त्रिपाठी "भंवर" ,अनिल प्रताप त्रिपाठी ,श्री किशोर अग्रवाल ,रोशनलाल , डॉ अरविंद श्रीवास्तव ,गजेंद्र सिंह , संजय शुक्ला ,अनूप त्रिपाठी, शेष नारायण , राजना राजनारायण राजन , संतोष भगवान, परमानंद, माया त्रिपाठी, पूजा सिंह ,प्रभा सिंह ,श्रीमती माया त्रिपाठी , राधे श्याम दीवाना, जयराम ,विश्वनाथ त्रिपाठी, हरिवंश शुक्ल , बेजोड , अनुपम ,श्रीनाथ ,कुंज बिहारी, आदि प्रमुख रहे | कथा संग्रह के नियोजन में अथक योगदान देने वाले जिले के वरिष्ठ पत्रकार व कई पत्र-पत्रिकाओं के प्रकाशक अखिल नारायण सिंह  के प्रति आभार व्यक्त करते  हुए अंत में कार्यक्रम में आए हुए सभी अतिथियों के प्रति कार्यक्रम के आयोजक ने धन्यवाद ज्ञापित किया |

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