अखिलेश्वर तिवारी
सब सरफेस इरीगेशन थीम पर सेंट जेवियर्स विद्यालय के बच्चों द्वारा तैयार किया गया है मॉडल
बलरामपुर।। सरकारी आंकड़ों में भले ही जनपद बलरामपुर शिक्षा के स्तर में पीछे दिखाया जा रहा हो, परंतु जिले के कुछ विद्यालयों के छात्र राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में अपनी छाप छोड़ कर यह सिद्ध कर रहे हैं कि यदि कुछ करने की लगन हो तो कोई भी कार्य मुश्किल नहीं है । जी हां हम बात कर रहे हैं जिला मुख्यालय के सेंट जेवियर हायर सेकेंडरी स्कूल की जहां के बच्चे लगातार एक के बाद एक राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपनी पहचान बना रहे हैं । अभी हाल ही में देश के 18 देशों से आए राष्ट्रीय ताइक्वांडो खेल प्रतियोगिता में इसी विद्यालय के बच्चों ने प्रथम स्थान हासिल करके पूरे विश्व में अपने विद्यालय का तथा जिले का नाम रोशन किया है।
एक बार फिर राष्ट्रीय विज्ञान प्रदर्शनी के लिए मॉडल प्रस्तुत करके यह साबित कर दिया है कि बलरामपुर किसी से पीछे नहीं है। हाल ही में 4 दिसंबर को लखनऊ के दिल्ली पब्लिक स्कूल में सीबीएसई बोर्ड की क्षेत्रीय विज्ञान प्रदर्शनी आयोजित की गई थी, जिसमें राष्ट्रीय विज्ञान प्रदर्शनी के लिए मॉडल का चयन किया जाना था। जनपद बलरामपुर जिला मुख्यालय के सेंट जेवियर्स हायर सेकेंडरी स्कूल के बच्चों द्वारा 2 मॉडल क्षेत्रीय प्रदर्शनी में प्रस्तुत किए गए थे जिनमें से एक का चयन राष्ट्रीय विज्ञान प्रदर्शनी के लिए कर लिया गया है । विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ नितिन शर्मा ने बच्चों के इस उपलब्धि के लिए मॉडल तैयार करने वाले बच्चों तथा तैयार कराने वाले अध्यापक टीम को बधाई दी है।
विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ नितिन शर्मा ने बताया की क्षेत्रीय विज्ञान प्रदर्शनी लखनऊ के दिल्ली पब्लिक स्कूल में आयोजित की गई थी, जिसमें से विद्यालय के विज्ञान अध्यापक शिवम सक्सेना के नेतृत्व में 2 मॉडल प्रस्तुत कराए गए थे। पहला मॉडल कक्षा 9 के छात्र आदित्य सिंह द्वारा प्रस्तुत किया गया जिसमें एलगी शैवाल द्वारा जल शुद्धीकरण करने की विधि दिखाई गई थी । दूसरा मॉडल कक्षा 8 के वंश कुशवाहा तथा वर्ष तिवारी द्वारा तैयार किया गया जिसमें सब सरफेस इरीगेशन थीम पर वाटर कंजर्वेशन का मॉडल तैयार किया गया। इस मॉडल को राष्ट्रीय विज्ञान प्रदर्शनी के लिए चयनित किया गया है ।।इस मॉडल की खासियत के बारे में बताते हुए अध्यापक शिवम सक्सेना ने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों में तथा आने वाले भविष्य में जल संकट को देखते हुए कृषि करना मुश्किल हो जाएगा । इस मॉडल में खेती-बाड़ी में कम से कम जल उपयोग करते हुए अच्छी कृषि उत्पादन के तरीके को दर्शाया गया है । इस तकनीक को अपनाने से निर्धारित क्षेत्र के खेतों में पहले पाइपलाइन बिछा दी जाएगी और शुरू तथा अंत में विद्युत चालित कनेक्शन मोटर पर किया जाएगा । पानी की एक निश्चित लेवल पर मोटर स्वत: चल जाएगा और लेविन पूरा होते ही स्वत: बंद हो जाएगा ।उन्होंने बताया कि खेतों के अंदर नमी की मात्रा बराबर बनी रहेगी और पानी का अपव्यय भी नहीं होगा। कम से कम पानी तथा कम से कम बिजली में अधिक से अधिक सिंचाई का लाभ खेतों को मिलेगा । इस तकनीक से एक ओर जहां किसानों को कम लागत में अधिक उत्पादन मिलेगी वहीं दूसरी ओर बिजली तथा पानी की बचत कर के हम जल संचयन की ओर एक नया कदम बढ़ाएंगे । निश्चित रूप से यह यदि मॉडल राष्ट्रीय प्रदर्शनी में पास हुआ और सरकार ने इसे स्वीकृत किया तो आने वाले समय में कृषि के क्षेत्र में एक नई क्रांति आ सकती है ।
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