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अस्पतालों कायाकल्प करने के लिए पैसे को पानी की तरह बहाया लेकिन नतीजा सिफर


■ मरीज त्रस्त,अधिकारी मस्त, सब गोलमाल है

तरीकत हुसैन
लोहरौली, संतकबीरनगर। जहां सरकार निरंतर आयुर्वेद पद्धति के प्रति लोगों को सुविधाएं देने के लिए कोशिश कर रही है। तो वहीं अस्पतालों का कायाकल्प करने के लिए पैसे पानी की तरह बहायें जा रहे हैं स्थिती यह हैं कि न ही अस्पताल की दशा सुधरती दिखती हैं और न ही सरकार के स्वच्छ भारत अभियान के तहत अस्पताल में साफ सफाई व शुद्ध पेयजल मुहैया कराने वाली योजनाएं महज कागजी कोरम तक सीमित रह जाती हैं जिसका खमियाजा अस्पताल में आने वाले मरीजों और उनके तीमारदारों को दूषित जल पीकर भुगतना पड़ता हैं। जहां से लोगों को स्वास्थ्य सम्बन्धी बीमारियों का इलाज किया जाता वहां शुद्ध पेयजल की व्यवस्था न होना सरकार की योजनाओं की खानापूर्ति को दर्शाने के लिये काफी है। आये दिन मरीज हलकान रहते है इन सब बातो की जानकारी होने के बावजूद या जानबूझकर अनिभिज्ञ बने बैठे सरकार के आलाधिकारियों के कान में जूं तक नहीं रेंगता।
ऐसा ही मामला विकास खंड बेलहर कला के अंतर्गत स्थित राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय लोहरौली ठकुराई का हैं यहां आने वाले मरीजों को शुध्द पेयजल की व्यवस्था ही नहीं हैं अस्पताल में लगा इंडिया मार्का हैण्डपम्प कई वर्षों से दूषित जल उगल रहा हैं और लगभग सात वर्ष पहले राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय का कायाकल्प योजना के तहत भवन निर्माण कार्यदायी संस्था सार्वजनिक कल्याण विभाग द्वारा कराया गया था अस्पताल की मौजूदा हालत यह हैं कि बरामदा,अंतरग कक्ष का फर्श टूट चुका है शौचालय का इस्तेमाल नहीं होता जिसे स्टोर रुम के रुप में इस्तेमाल किया जाता हैं तो वहीं अस्पताल परिसर झाड़ झंखाड़ से पटा हुआ हैं। अस्पताल में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी समेत एक फार्मासिस्ट के साथ एक भृत्य की तैनाती हैं यहां रोज 25-30 मरीज आते हैं। मजे की बात तो यह हैं कि 1980 में बने प्रभारी चिकित्सा अधिकारी का आवास अभी तक ठीक स्थिति में हैं जिससे अस्पताल में आने वाले मरीजों का प्रभारी प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के आवास पर ही इलाज किया जाता हैं। जोकि सात वर्ष पूर्व अस्पताल कायाकल्प के तहत नये भवन निर्माण की गुणवत्ता पर सवालिया निशाना लगा रहा हैं।
इस बाबत प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ0 भरत पाण्डेय ने बताया कि कैम्पस में लगे इंडिया
मार्का हैण्डपम्प को सही करवाने एवं साफ-सफाई के लिए कई बार यहां के प्रधान प्रतिनिधि से कहा गया तो हीलाहवाली करके टाल दिया करते हैं रहा सवाल अस्पताल की बिल्डिंग के टूटे फर्श और शौचालय को सही करने के लिए विभाग को अवगत करा दिया गया हैं जल्दी स्थिति ठीक हो जायेगी।

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