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स्वास्थ्य उपकेंद्र धर्मसिंहवा का भवन हुआ जर्जर, ग्रामीणों को नहीं मिल रहा स्वास्थ्य सेवा का लाभ


लालचंद्र मद्देशिया
धर्मसिंहवा, संतकबीरनगर। सन्त कबीर नगर जिले के सांथा ब्लॉक में स्थित धर्मसिंहवा ग्राम पंचायत के स्वास्थ्य उपकेन्द्र जर्जर अवस्था में है। जिससे स्वास्थ्य व्यवस्था एकदम से चरमरा गयी है। इस वजह से पंचायत समेत क्षेत्र के लोगो को इलाज के लिए 15  से 20 किलो मीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। बाबजूद यहाँ के लोगो के दुःख दर्द सुनने वाला कोई नहीं है।  बताते चले कि धर्मसिंहवा गाँव की जर्जर स्वास्थ्य उपकेंद्र भवन  ग्रामीण क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था में प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य व्यवस्था के बेहतर दावों की पोल खोल रहा है।  स्वास्थ्य उपकेंद्र अंदर - बाहर दोनों तरफ से खंडहर बन चुका है। इससे जाहिर होता है कि सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति ग्रामीण क्षेत्रो में कैसी है। अब महत्वपूर्ण सवाल यह है कि कैसे हो मरीजों का इलाज। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत स्वास्थ्य उप केंद्र की स्थापना कई वर्ष पहले  इसके माध्यम से क्षेत्र के अगल-बगल गांव  के लोगों का इलाज होता था।
इस बाबत धर्मसिंहवा क्षेत्र आस पास के ग्रामीणों का कहना है कि उप केन्द्र पर एक समय वो भी हुआ करता था जब अच्छी खासी मरीजों की भीड़ होती थी और आज इलाज के लिए लोग काफी परेशान है। यहां लगभग पच्चीस सालों से स्वास्थ्य व्यवस्था जर्जर के साथ-साथ उप केन्द्र की हालत जर्जर हो गई। सामुदायिक  स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत स्वास्थ्य उप केंद्र पर प्रसव  सेंटर का भी संचालन किया जाता रहा है। जहां इसके बाद भी प्राथमिक स्वास्थ्य के केन्द्र लोगों का टीकाकरण सहित अन्य स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्थाएं संचालित होती है लेकिन स्वास्थ्य उप केंद्र की स्थिति जर्जर हो गई है। स्वास्थ्य उपकेंद्र पर खड़ा रहने लायक भी नहीं है जबकि शासन द्वारा स्वास्थ्य उपकेंद्र के रखरखाव एवं स्वच्छता अभियान के तहत लाखों रुपया शासन द्वारा आ रहा है। लेकिन यह सब कागजों तक ही सीमित रह जाता है  ।क्षेत्र के लोगों  का कहना है कि उनके द्वारा दर्जनों बार उच्चाधिकारियों के यहां उप स्वास्थ्य केंद्र को दूरूस्त करने के लिए मांग की गई, लेकिन आज तक कुछ नहीं हो सका।ग्रामीणों ने बताया कि न ही शौचालय और नही हैैण्ड पम्प उपलब्ध है। स्वास्थ्य उप केंद्र तो बनाया गया है, लेकिन भवन की हालत जर्जर हो गई है, जिसकी वजह से स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक भवन में बैठने के बजाय बाहर  ही बैठते है। इसमें बने शौचालय की हालत भी दयनीय है, जिसमें पानी की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है। बिजली की भी सुविधा नहीं है। इसके चलते मरीजों को यहां काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों से अनेकों बार केंद्र में बनी समस्याओं के समाधान की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन जिम्मेदार द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

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